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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025 (18:36 IST)

क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ, जानिए क्यों कहलाता है श्री राम की तपोभूमि

क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ, जानिए क्यों कहलाता है श्री राम की तपोभूमि - Chitrakoot Tourist Places
Chitrakoot: हिंदू धर्म में तीर्थ स्थानों का विशेष महत्व होता है। प्रयागराज को तीर्थराज कहा जाता है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार चित्रकूट को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है। चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि माना जाता है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकांश समय चित्रकूट में बिताया था। यहां उन्होंने माता सीता और लक्ष्मण के साथ रहकर तपस्या की थी। इसीलिए चित्रकूट को भगवान राम से गहरा नाता है।
 
चित्रकूट का धार्मिक महत्व
एक मान्यता के अनुसार माघ मेले के दौरान प्रयागराज में सभी तीर्थों का आह्वान किया जाता है लेकिन लेकिन चित्रकूट वहां नहीं पहुंचता। इस पर एक बार प्रयागराज ने भगवान श्रीराम से चित्रकूट की शिकायत की और उनके ना आने का कारण पूछा। तब श्री राम ने कहा था कि चित्रकूट मेरा निवास है और मैंने अपने निवास का आप को राजा नहीं बनाया है। ये भी एक कारण है जिससे चित्रकूट को बड़ा तीर्थ माना जाता है। ALSO READ: प्रयागराज में भगदड़ के बाद इस धार्मिक नगरी का रुख कर रहे श्रद्धालु, जानिए कौन सी है ये जगह
 
क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ ?
रामायण में चित्रकूट का वर्णन बहुत विस्तार से मिलता है। भगवान राम ने चित्रकूट में ही अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था। भगवान राम ने स्वयं कहा था कि चित्रकूट उनका निवास है। चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि माना जाता है। जब भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का श्राद्ध किया था, तब सभी देवी-देवता चित्रकूट में शुद्धि भोज के लिए आए थे। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता देख सभी देव मोहित हो गए और वापस जाने के विचार भूल गए। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सभी देवताओं का निवास है और यहां जाने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। चित्रकूट की प्राकृतिक सुंदरता भी इसे एक पवित्र स्थल बनाती है। यहां के घने जंगल, पहाड़ और नदियां मन को मोहित कर लेती हैं।