चाणक्य नीति : घर के मालिक में कौन से 4 गुण जरूर होना चाहिए
Chanakya Niti: किसी भी घर की उन्नति, सुख, शांति और समृद्धि तभी होती है जबकि घर के मुखिया या मालिक में कुछ अच्छे गुण हो। चाणक्य नीति के अनुसार घर के मालिक में ऐसे कौनसे 4 गुण होना चाहिए जिससे घर में चारों और से सुख और समृद्धि का प्रकाश फैले और घर का प्रत्येक सदस्य सुरक्षित महसूस करते हुए उन्नति करें, आओ जानते हैं।
यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निर्घर्षणं छेदनतापताडनैः।
तथा चतुर्भिः पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।-चाणक्य नीति
घिसने, काटने, तापने और पीटने। इन चार चीजों से सोने की परख होती है। ठीक उसी तरह से व्यक्ति की पहचान उसके आचरण, त्याग और कर्म की भावना से होती है। परिवार के मुखीया में त्याग, उत्तम आचरण, उत्तम गुण और उत्तम कर्म की भावना होना चाहिए।
1. सोच समझ कर करें खर्च : घर का मुखिया यदि खर्चीला है तो यह माना जाएगा कि वह समझदार भी नहीं है। वह कभी भी घर को संकट में डाल सकता है। ऐसे में घर के मुखिया को सोच समझकर खर्चा करना चाहिए और अधिक से अधिक बचत पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि उसे कंजूस नहीं होना चाहिए।
2. किसी पर न करें विश्वास : मुखिया ऐसा होना चाहिए जो किसी पर भी आंखें मूंद कर बिना प्रमाण के किसी पर विश्वास न करें। यदि वह सभी पर भरोसा करेगा को धोखा खाने के चांस बढ़ जाएंगे। हालांकि उसे इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वह घर के सदस्यों के मन में यह मैसेज न जानें कि वह उन पर भी विश्वास नहीं करता है। जांच परख कर ही कोई काम करें। उसे कच्चे कान का नहीं होना चाहिए अन्यथा वह जीवन में धोखा खाता रहेगा और परिवार में उसकी साख खत्म हो जाएगी।
3. निर्णय लें सोच समझकर : परिवार में किसी पर कार्य के लिए वह जब फैसले लें तो जज्बात या अहंकार में बहकर नहीं बल्कि सोच समझकर फैसला लें। मुखिया के एक फैसले या निर्णय से परिवार का भविष्य बदल सकता है, फायदा हो सकता है या भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी मामले में सोच-समझकर सभी की सलाह से लें फैसला।
4. निर्णय पर रहें अडिग : घर के मुखिया को हमेशा अपने उस फैसले पर अडिग रहना चाहिए जिससे परिवार के सभी सदस्यों का हित जुड़ा हुआ है। जो मुखिया अपने निर्णय पर अडिग रहता है उसका परिवार के अन्य सदस्य भी अनुशासन में रहकर दृढ़ निर्णयकर्ता बनते हैं। इसलिए घर के मुखिया को अपने फैसलों पर विश्वास होना चाहिए।