Chanakya Niti : चाणक्य के अनुसार किसी श्राप से कम नहीं है मात्र ये एक आदत
Chanakya Niti : 'चाणक्य नीति' आचार्य चाणक्य की नीतियों का अद्भुत संकलन है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना जब इसे लिखा गया था। इन नीतियों से मानव जीवन को सही दिशा मिलती है। चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में असफल होने के कई कारण होते हैं लेकिन एक कारण सबसे बड़ा है जो व्यक्ति के जीवन में किसी अभिशाप या श्राप की तरह होता है।
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आलस्य : आचार्य चाणक्य मानते हैं कि आलस्य में बिताया गया जीवन आत्महत्या के समान है। आचार्य चाणक्य के अनुसार आलस्य की आदत किसी श्राप से कम नहीं है। ऐसा जातक जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता है। यह आदत धन का नाश कर व्यक्ति को दरिद्र बना देती है।
यदि घोड़े को हरदम बांध कर रखते हैं तो वह बूढा़ हो जाता है। इसी प्रकार व्यक्ति कसरत करना, टहलना, पैदल चलना आदि बंद कर देता है तो वह बुढ़ा होने लगता है। आलसी व्यक्ति पर बुढ़ापा जल्द आता है।
आलसी लोग : हर कार्य में आलस करने से लोगों के बीच यह छवि निर्मित हो जाती है कि ये तो आलसी व्यक्ति है। ऐसे लोगों पर कर्मण लोग भरोसा नहीं करते हैं। उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाती है। आलसी लोग जीवन में कभी सफल नहीं होते हैं क्योंकि उनका हर कार्य पेंडिंग ही रहता है। ऐसे लोगों को सम्मान भी नहीं मिलता है। बाद में ये लोग पछताते हैं।
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