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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (17:02 IST)

श्रावण मास की पूर्णिमा का क्या है महत्व, जानिए 5 अचूक उपाय

shravan purnima ka mahatva
Shravan Purnima 2025: श्रावण पूर्णिमा का दिन सावन माह का अंतिम दिन होता है। इसके बाद भाद्रपद माह लगता है। इस पूर्णिमा का पुराणों में खास महत्व बताया गया है। इस कई प्रकार के धार्मिक कर्मकांड और अनुष्ठान किए जाते हैं। आओ जानते हैं इस पूर्णिमा का महत्व और 5 अचूक उपाय। 
 
श्रावण पूर्णिमा का महत्व:
1. इस दिन भाई बहन क्या त्योहार रक्षा बंधन मनाया जाता है और  इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन, राखी या रक्षासूत्र का रूप है। इसके अतिरिक्त ब्राहमणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा संबंधियों को जैसे पुत्री द्वारा पिता को भी रक्षासूत्र या राखी बांधी जाती है।
 
2. इसी दिन जनेऊ का नवीनीकरण करते हैं, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं। श्रावणी पर्व के दिन जनेऊ पहनने वाले हर धर्मावलंबी मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर जनेऊ बदलते हैं। इस दिन यजुर्वेदी द्विजों का उपकर्म होता है, उत्सर्जन, स्नान-विधि, ॠषि-तर्पणादि करके नवीनयज्ञोपवीत धारण किया जाता है। वृत्तिवान ब्राह्मण अपने यजमानों को यज्ञोपवीत तथा राखी देकर दक्षिणा लेते हैं। 
 
3. पुराणों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री अमरनाथ की पवित्र छडी यात्रा का शुभारंभ होता है और यह यात्रा श्रावण पूर्णिमा को संपन्न होती है। कावडियों द्वारा श्रावण पूर्णिमा के दिन ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है और उनकी कावड़ यात्रा संपन्न होती है। इस दिन दक्षिण भारत में नारली पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन शिव जी का पूजन होता है पवित्रोपना के तहत रूई की बत्तियां पंचगव्य में डुबोकर भगवान शिव को अर्पित की जाती हैं। 
 
4. उत्तर भारत में इस त्योहार को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान खेत में गेहूं और अन्य अनाज बिछाया जाता है और अच्‍छी फसल की कामना से माता दुर्गा की पूजा की जाती है। 
 
5. इसके अलावा श्रावणी पूर्णिमा का दिन दान, पुण्य के लिए महत्वपूर्ण होता है अत: इस दिन स्नान के बाद गाय आदि को चारा खिलाना, चींटी, मछलियों आदि को दाना खिलाना चाहिए। इस दिन गोदान का बहुत महत्व होता है। ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान देकर भोजन कराया जाता है।
 
6. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है। विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पावन दिन पर भगवान शिव, विष्णु, महालक्ष्मी व हनुमान को रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए। 
 
श्रावण पूर्णिमा के दिन करें 5 अचूक उपाय:
1. दरिद्रता दूर करने के लिए अपनी बहन के हाथ से गुलाबी कपड़े में अक्षत, सुपारी और एक रुपए का सिक्का ले लें। इसके बाद अपनी बहन को वस्त्र और मिठाई उपहार और रुपये दें और चरण छूकर उसका आशीर्वाद लें। दिए गए गुलाबी कपड़े में लिया गया सामान बांधकर उचित स्थान पर रखने इसे घर की दरिद्रता दूर हो जाएगी।
 
2. एक दिन एकाशना करने के उपरांत रक्षाबंधन वाले दिन शास्त्रीय विधि-विधान से राखी बांधते हैं। फिर साथ ही वे पितृ-तर्पण और ऋषि-पूजन या ऋषि तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद और सहयोग मिलता है जिससे जीवन के हर संकट समाप्त हो जाते हैं।
 
3. आपको यदि ये लगता है कि मेरे भाई को किसी की नजर लग गई है तो आप इस दिन फिटकरी को अपने भाई के उपर से सात बार वार कर उसे किसी चौराहे पर फेंक आएं या चूल्हे की आग में जला दें। इससे नजर दोष दूर हो जाएगा।
 
4. रक्षा बंधन का त्यौहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है पूर्णिमा के देवता चंद्रमा है। इस तिथि में शिवजी के साथ चंद्रदेव की पूजा करने से मनुष्य का सभी जगह आधिपत्य हो जाता है। यह सौम्या तिथि हैं। दोनों की पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।
 
5. कहते हैं कि रक्षा बंधन पर हनुमानजी को राखी बांधने से वे भाई बहनों के क्रोध को शांत करके उनमें आपसी प्रेम को बढ़ा देते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से भाई-बहन के रिश्ते में प्यार बढ़ जाता है। इस दिन बहन को हर तरह से खुश रखने और उसे उसका मनपसंद उपहार देने से भाई के जीवन में भी गई खुशियां लौट आती हैं।