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Last Updated : गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021 (16:51 IST)

उत्तराखंड में मौसम खुला, शुरू हुई 3 धामों की यात्रा, भारी बारिश से 46 लोगों की मौत

उत्तराखंड में मौसम खुला, शुरू हुई 3 धामों की यात्रा, भारी बारिश से 46 लोगों की मौत - Weather opened in Uttarakhand, Yatra of 3 dhams started back
देहरादून। उत्तराखंड में चारधामों में से 3 धामों की यात्रा को बहाल कर दिया गया है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा को फिर से खोल दिया गया है, जबकि बद्रीनाथ को जाने वाले मार्ग में भूस्खलन से आई बाधा के चलते इसे अभी खोलने में कुछ घंटे लग सकते हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन और घरों के ढहने की घटना में 46 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर शामिल हैं।

नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि झुतिया गांव में ही एक मकान के मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।नैनीताल जिले में ही क्वारब में 2, कैंची धाम के पास 2, बोहराकोट में 2 और ज्योलिकोट में एक की मौत हुई।

अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। जबकि चंपावत में तीन और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई। केदारनाथ में बीते कई सालों से रह रहे बाबा दंडी भारती का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह 5 बजे ठंड अधिक बढ़ने से उनकी मौत हुई है।

उधर, रुड़की के लंढौरा में बारिश के दौरान एक दीवार गिरजाने से नौ माह के बच्चे की मौत हो गई।उधर, बारिश का पानी घर में घुसने से फैले करंट से किच्छा में यूपी के देवरिया के विधायक कमलेश शुक्ला के घर में करंट फैलने से बहू की मौत हो गई। नैनीताल के ओखलकांडा और चम्पावत में आठ लोग लापता हैं।एसडीआरएफ ने इस दौरान छह सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। प्रदेशभर में एसडीआरएफ की 29 स्थानों पर पोस्ट हैं।

मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद, सभी टीमों को पहले ही हाईअलर्ट पर रखा गया था। इसी क्रम में एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर कंट्रोल रूम में डटकर रातभर राहत और बचाव अभियान की निगरानी करते रहे। इस दौरान बारिश से हो रहे नुकसान, सड़क मार्ग पर फंसे वाहनों, पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों की जानकारी जुटाकर उन तक टीमें पहुंचाने का काम किया गया। बल की टीमों ने गौमुख ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया।

मंगलवार दोपहर बाद तक बल की टीमों ने छह सौ लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की। सेना के तीन हेलीकॉप्टरों को आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है।सभी डीएम से बारिश की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है। मूसलधार बारिश से हल्द्वानी में गौला पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क कट गया था।

गौला की बाढ़ ने पूरे किच्छा क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई। किच्छा डैम फाटक तेज बहाव से क्षतिग्रस्त हो गए। कई बस्तियां पानी में डूब गईं। पानी बस्तियों में घुसने से लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त हो गए एवं एक पुलिया टूट गई। प्रशासन ने डूबी बस्तियों में बचाव कार्य चलाकर लोगों को बाहर निकाला।

जिला प्रशासन नैनीताल के अनुरोध के बाद तत्काल बचाव और राहत कार्य के लिए सैन्य टुकड़ी नैनीताल पहुंची। पंचशूल ब्रिगेड की टुकड़ी ने छह घंटे के रेस्क्यू के बाद 30 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। यहां आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक टुकड़ी को स्टैंड बाय पर रखा गया है।नैनीताल झील का जल स्तर बढ़ने से तल्लीताल में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना की टुकड़ी ने छह घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर 30 लोगों को बचाया, इनमें दो बच्चे भी शामिल थे।

नैनीताल झील ओवरफ्लो हो गई। इससे तल्लीताल के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। झील ओवरफ्लो होने के कारण कई दुकानदार भी फंस गए।टनकपुर में सेना ने चार घंटे रेस्क्यू अभियान चलाकर 283 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इनमें 55 बच्चे भी शामिल थे। जीओसी सब एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री ने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को स्टैंड बाय पर रखा गया है।

विगत 18 अक्तूबर को प्रदेश में भारी बारिश हुई थी। इससे कई क्षेत्रों में तबाही मच गई है।सेना की दो टुकड़ियों ने टनकपुर के अंबेडकरनगर गांव पहुंचकर चार घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के दौरान 283 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसमें 89 पुरुष, 139 महिलाएं और 55 बच्चे शामिल थे।

यहां 8 जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के एक टुकड़ी को बनबसा में स्टैंड बाय पर रखा गया है। कोसी नदी के तेज बहाव के बीच फंसे वन ग्राम सुंदरखाल के लोगों को बचाने के लिए सेना को बुलाना पड़ा। देवदूत बनकर पहुंचे जवानों ने हेलीकॉप्टर से 25 ग्रामीणों को बचाया। छह लोगों को राफ्ट की मदद से निकाला गया।

सकुशल निकलने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उत्तराखंड में आपदा के चलते बने हालातों का जायजा लेने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह उत्तराखंड के तमाम अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों के तमाम अधिकारियों के साथ उत्तराखंड आपदा को लेकर समीक्षा करेंगे वही केंद्रीय गृहमंत्री रात्रि विश्राम आज उत्तराखंड में ही करेंगे और कल सुबह आपदा प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वेक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री के इस दौरे से उत्तराखंड के आपदा प्रभावित लोगों को केंद्र द्वारा भी राहत देने की घोषणा हो सकती है। उत्तराखंड मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने जानकारी दी है कि अगले 8 से 10 दिन प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है।गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों में 20 तारीख से धूप खिलने लगेगी।

दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता : उत्तराखंड के  उत्तरकाशी जिले की हिमाचल से लगी सीमा से 11 ट्रैकरों के लापता होने की खबर आ रही है।हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोगों के लापता होने की सूचना है। ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की ओर से जिला प्रशासन को दी गई है।

सूचना के बाद प्रशासन ने एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए रवाना की है।हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास के लिए ट्रैकिंग को निकले दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की और से जिला प्रशासन को दी गई थी।जिसके बाद बुधवार को एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए रवाना हो गई है।