उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष का दावा, विधायकों को हर दिन बोलने का दिया अवसर
ऋतु खंडूरी भूषण ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि अध्यक्ष का कार्य सदन की मर्यादा बनाए रखना होता है। जब अध्यक्ष खड़ा होता है तो यह एक संकेत होता है कि अन्य विधायकों को बैठ जाना चाहिए।
Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार में पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मामले में अपनी भूमिका को लेकर विपक्ष की आलोचना का सामना कर रहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण (Ritu Khanduri Bhushan) ने कहा कि विधायकों को हर दिन बोलने का पूरा अवसर दिया गया और सदन की गरिमा बनाए रखना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में कांग्रेस विधायकों को बोलने का मौका न देने के आरोप पर कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि आप कांग्रेस विधायकों से पूछ सकते हैं और सदन के रिकॉर्ड भी देख सकते हैं। उन्हें हर दिन बोलने का पूरा अवसर दिया गया है। जिस दिन यह विवाद हुआ, उस दिन भी उन्होंने दो बार अपनी बात रखी।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने पूर्व वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की असंसदीय टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त करते हुए हंगामा किया था। विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप है कि बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने अग्रवाल की टिप्पणी के विरोध में अपनी बात रखनी चाही थी लेकिन उन्हें सदन से बाहर भेज दिया गया।
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मैंने किसी को बाहर नहीं भेजा : विधानसभा अध्यक्ष ऋतु ने कांग्रेस नेता को सदन से बाहर भेजे जाने के आरोप पर कहा कि मैंने किसी को बाहर नहीं भेजा। उन्होंने पेपर फाड़े, मेरी तरफ उंगली उठाई और कहा कि अगर उन्हें नहीं बोलने दिया गया तो वह बाहर चले जाएंगे। मैंने सिर्फ इतना कहा कि यह उनकी इच्छा है।
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व वित्त और संसदीय कार्यमंत्री अग्रवाल की असंसदीय टिप्पणी को लेकर विवाद पैदा हो गया थास जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने हालांकि अग्रवाल के इस्तीफे को नाकाफी बताया और मामले में ऋतु भूषण की भूमिका को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta