जुग्जू गांव जिसके ऊपर मंगलवार को भूस्खलन हुआ, उसमें फिलहाल 16 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों के अनुसार बीते कई सालों से ये पहाड़ी दरकने से ग्रामीण मानसून में अपनी जान बचाने के लिए यत्न करते रहे हैं। इसी के चलते 1994 से इस गांव के विस्थापन की मांग हो रही है लेकिन अभी तक इस गांव का विस्थापन नहीं हो पाया है। मंगलवार को हुए भूस्खलन से ग्रामीणों की सजगता से ग्रामीण बच गए। अगर थोड़ी भी देर गांव वालों ने गांव से भागने में की होती तो गांव में कई लोग जान से हाथ धो सकते थे।