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Last Modified: मंगलवार, 31 अगस्त 2021 (14:08 IST)

नैनीताल की ठंडी सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ विस्फोटक

नैनीताल की ठंडी सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ विस्फोटक - landslide in Nainital
नैनीताल। नैनीताल की ठंडी सड़क के किनारे आयारपाटा पहाड़ी में एसआर और केपी होस्टल के नीचे लगातार जारी भूस्खलन ने आखिरकार सोमवार की रात विस्फोटक रूप ले लिया। यहां रात्रि में धमाके के साथ भारी मात्रा में मलबा ठंडी सड़क से होते हुए नैनी झील में समा गया है।
 
भूस्खलन डीएसबी परिसर के केपी छात्रा छात्रावास और एसआर के नए बने खंड के ठीक नीचे बिल्कुल अहाते से हो रहा है। इसलिए केपी छात्रा छात्रावास के नए व पुराने दोनों खंडों को इससे खतरा उत्पन्न हो गया है। भूस्खलन की वजह से कई पेड़ भी गिर गए हैं और बिजली की लाइन व ठंडी सड़क के किनारे लगी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है, और नए लगे स्ट्रीट लाइट के पोल भी ढह गए हैं। गौरतलब है कि ठंडी सड़क पर पैदल आवागमन पहले ही रोक दिया गया है।
 
भूवैज्ञानिक डॉ. बीएस कोटलिया ने इसे नैनीताल नगर के लिए अलार्मिंग यानी चेतावनी बताया है और भविष्य में इस भूस्खलन के बलिया नाले की तरह खतरनाक होने की भी संभावना जताई है। उनका कहना है कि यह बलियानाला के बाद नगर का सबसे कमजोर क्षेत्र है।
 
राजभवन से शुरू होकर डीएसबी गेट से राजभवन रोड होते हुए फ्लैट्स मैदान, बैंड स्टेंड से ग्रांड होटल होते हुए सात नंबर को जाने वाले इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से बेहद सक्रियता के साथ लगातार भूधंसाव हो रहा है। इसकी शुरुआत 1998 में डीएसबी गेट के पास बड़े भूस्खलन से हुई थी। तब यहां कोई निर्माण कार्य न करने की संस्तुति की गई थी, लेकिन इसके बाद डीएसबी के गेट के पास बड़े निर्माणों की बाढ़ आ गई।
 
राजभवन रोड, बैंड स्टेंड और ग्रांड होटल के पास भी सड़क का धंसना इसी के कारण है। फिर भी राजभवन रोड और लोवर मॉल रोड को बिना भार वहन क्षमता और जमीन में नमी का स्तर जांचे कार्य हो रहे हैं। यह कार्य स्थायी रहने वाले नहीं हैं। बल्कि इनके लिए उच्च स्तरीय अभियंताओं की जरूरत है। भविष्य में यह धसाव बलिया नाला जैसा भयावह स्वरूप भी ले सकता है।
 
पिछले माह की 21 जुलाई से इस स्थान पर भूस्खलन प्रारंभ हुआ है। उस दिन यहां थोड़ा सा मलबा आया था। उसी दिन राजभवन रोड की पालिका मार्केट के पास धंसी थी। तब से यहां रुक रुक कर भूस्खलन हो रहा था। जबकि इधर गत शुक्रवार यानी 27 अगस्त को एक बड़ा बोल्डर आने के बाद से फिर बड़ा भूस्खलन हुआ, और तब से भूस्खलन जारी है। यही भूस्खलन अब सोमवार रात्रि बड़े रूप में सामने आया है और मॉल रोड की ओर से भी हरीतिमा युक्त पहाड़ी पर किसी दाग की तरह नजर आ रहा है। डोजर मशीन भी इस मलबे को हटाने से जवाब दे चुकी है।
 
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि काफी बड़ी मात्रा में मलबा आ रहा है। ऐहतियात के तौर पर ठंडी सड़क के तल्लीताल के गेट को बंद कर दिया गया है और घूमने वाले गेट पर भी ताला डाल दिया है। इधर मल्लीताल की ओर से शिव मंदिर के पास बैरीकेटिंग लगा दी गई है। पुलिस से गश्त लगाकर लोगों को रोकने को भी कहा गया है। इससे लोगों की इस मार्ग पर सैर भी बाधित हो गई है।
 
उल्लेखनीय है कि 1998 में इसी स्थान के पास डीएसबी परिसर के गेट के पास से बड़े भूस्खलन की घटना हुई थी। लिहाजा लगातार यहां एक ही स्थान पर लगातार भूस्खलन होने से लोग उस घटना को याद कर आशंकित भी होने लगे हैं।
 
गौरतलब है कि इससे पहले ठंडी सड़क पर 21 जुलाई को भी इसी स्थान के पास मलबा आया था, साथ ही इसी दिन ठंडी सड़क से लगे पालिका मार्केट की ओर राजभवन रोड पर सड़क धंसने से पत्थर आए थे। जबकि तीन जुलाई को ठंडी सड़क जाने वाले मार्ग पर स्थित वाईटीडीओ नाम के प्रतिष्ठान में बोल्डर गिर गया था।
 
नैनीताल शहर के बारापत्थर के पिटरिया क्षेत्र में भी भूस्खलन व पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। यहां एक विशाल बोल्डर यहां रहने वाले लोगों के घरों के पास सड़क पर गिरा है। वर्ष 2008 में ऐसे ही एक बोल्डर के एक घर पर गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की बोल्डर के नीचे कुचलकर मौत हो गई थी।
 
भूगर्भीय दृष्टिकोण से कमजोर नैनीताल में फिर ठंडी सड़क पर बड़े भूस्खलन से लोग 1998 में डीएसबी परिसर के गेट के पास से हुए बड़े भूस्खलन की घटना को याद कर आशंकित हैं। आगे भी यहां भूस्खलन जारी रहने का भय बना हुआ है, ऐसे में कभी दिन में अनायास ही बड़ा भूस्खलन होने से किसी दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है।
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