गुरुवार, 13 नवंबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Under the leadership of Chief Minister Yogi Adityanath there has been a change in life of tribal society in Uttar Pradesh
Written By
Last Updated :लखनऊ (उप्र) , गुरुवार, 13 नवंबर 2025 (16:33 IST)

जनजातीय गौरव को नई पहचान, योगी सरकार ने बदली वंचित समाज की तस्वीर

Under the leadership of Chief Minister Yogi Adityanath there has been a change in life of tribal society in Uttar Pradesh
- 517 जनजातीय बहुल गांवों में सैचुरेशन आधारित विकास, धरती आबा अभियान बना बदलाव की धुरी
- थारू, बुक्सा और अन्य जनजातियों के लिए योगी सरकार का सुरक्षा कवच, आवास से आजीविका तक बड़ा विस्तार
- थारू हस्तशिल्प कंपनी ने खोले राष्ट्रीय बाजार के दरवाजे, 371 समूहों को मिला आर्थिक संबल
- एकलव्य मॉडल स्कूलों और सर्वोदय छात्रावासों से जनजातीय बच्चों के लिए शिक्षा बनी नई ताकत
- पीएम जनमन से वन क्षेत्रों में बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल की सीधी पहुंच, बुक्सा जनजाति के 815 परिवार हुए संतृप्त
- परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना से युवाओं को बड़ा लाभ, सैकड़ों की प्रशासनिक सेवाओं में एंट्री
- विमुक्त और घुमंतू समुदायों के लिए योगी सरकार का बड़ा हस्तक्षेप, शिक्षा और निवास योजनाओं से जीवन में आया स्थायित्व
Chief Minister Yogi Adityanath News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में जनजातीय समाज के जीवन में जो बदलाव आया है, वह सिर्फ योजनाओं का विस्तार नहीं बल्कि सम्मान और अधिकारों की पुनर्स्थापना की एक बड़ी कहानी है। लंबे समय तक उपेक्षित रहे इन समुदायों को योगी सरकार ने न केवल मुख्य धारा में जगह दिलाई बल्कि उनकी परंपराओं, जरूरतों और सपनों को शासन की प्राथमिकता बनाया। मुख्यमंत्री की सोच हमेशा यही रही है कि विकास तभी सार्थक है जब वंचितों को वरीयता मिले और अंत्योदय से सर्वोदय का रास्ता खुले।
 
प्रदेश में थारु, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी, गोंड, बैगा, सहरिया, मुसहर और चेरो जैसी जनजातियों के 11 लाख से अधिक लोगों के जीवन को बदलने के लिए सरकार ने योजनाएं जमीन पर उतारीं। वनाधिकार अधिनियम के तहत आवासीय अधिकार दिए गए, मुख्यमंत्री आवास योजना से वनवासियों को पक्के घर मिले और पीएम जनमन योजना के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली और दूरसंचार जैसी मूलभूत सुविधाओं को सीधे उनके द्वार तक पहुंचाया गया। खासतौर पर बुक्सा जनजाति के 815 परिवारों को हर सुविधा से संतृप्त कर एक नई मिसाल पेश की गई।
'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' और 'धरती आबा जनभागीदारी अभियान' ने जनजातीय इलाकों में विकास की असली तस्वीर बदली। 26 जिलों के 517 गांवों तक पहुंचकर सरकार ने कनेक्टिविटी से लेकर आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला, जनधन, किसान सम्मान निधि और विश्वकर्मा जैसी योजनाओं का सैचुरेशन कराया। सोनभद्र, ललितपुर, कुशीनगर, बलरामपुर से लेकर बिजनौर तक इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर लगातार बढ़े हैं।
जनजातीय संस्कृति को संजोने पर भी भरपूर जोर दिया गया। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू संग्रहालय स्थापित हुआ और मिर्जापुर, सोनभद्र, महराजगंज में नए संग्रहालयों पर तेजी से काम चल रहा है। थारू समुदाय की कला और कौशल को राष्ट्रीय बाजार दिलाने के लिए लखीमपुर खीरी में थारू हस्तशिल्प कंपनी बनाई गई। इसमें जुड़े 371 समूहों को रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड देकर आत्मनिर्भरता की राह दिखाई गई।
शिक्षा को जनजातीय उन्नति का आधार बनाते हुए एकलव्य मॉडल स्कूल, सर्वोदय छात्रावास और आश्रम पद्धति विद्यालयों में बच्चों को पूरी सुविधा मिल रही है। लखीमपुर खीरी, बहराइच, सोनभद्र और ललितपुर के एकलव्य विद्यालयों ने दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को नई दिशा दी है। ये पहलें साफ बताती हैं कि योगी सरकार जनजातीय बच्चों की शिक्षा को भविष्य निर्माण का सबसे मजबूत आधार मानती है।
 
मुख्यमंत्री ने बार-बार कहा है कि विकास की असली कसौटी भागीदारी है। पुलिस भर्ती में आरक्षित सभी सीटें पूरी तरह भरना इसी परिवर्तन का संकेत है। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र योजना से 700 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन, साढ़े 6 हजार युवाओं को प्रशिक्षण और आठ उच्चस्तरीय केंद्रों की स्थापना ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए नई संभावनाएं खोली हैं।
विमुक्त और घुमंतू समुदायों को भी सरकार ने बराबर महत्व दिया। नट, बंजारा, सांसी, कंजर, कालबेलिया जैसे समुदायों के लिए 101 आश्रम पद्धति विद्यालय, 9 सर्वोदय विद्यालय और अनेक छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इन समुदायों को सामाजिक सुरक्षा, आवास और आजीविका से जोड़कर सरकार ने उन्हें सम्मानजनक जीवन की राह दी है।
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार मेला 2025 : उप्र की विश्व पटल पर नई आर्थिक उड़ान, उत्पादों को मिलेगा वैश्विक बाजार