दिल्ली में घने कोहरे से यातायात प्रभावित, कई इलाकों में दृश्यता शून्य
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह कोहरे की घनी परत छाने से कुछ इलाकों में दृश्यता शून्य रही, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ। इस साल ठंड के मौसम में पहली बार दृश्यता शून्य हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे बेहद घने कोहर के कारण पालम मौसम केन्द्र में दृश्यता शून्य दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि सफदरजंग वेधशाला के आंकड़ों के अनुसार, कोहरा मध्यम रहा और दृश्यता 300 मीटर दर्ज की गई।
वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, विमानों के उड़ान भरने के लिए हवाईअड्डे पर दृश्यता 800 मीटर होनी चाहिए। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के विशेषज्ञ महेश पलावत ने ट्वीट किया, आज, पहली बार घने कोहरे के कारण पालम हवाईअड्डे पर दृश्यता शून्य मीटर पर पहुंच गई। सुबह साढ़े छह बजे, दोनों रनवे 28 और 29 पर दृश्यता 150 मीटर थी। विमानों के उड़ान भरने में देरी होने का अनुमान है।
श्रीवास्तव ने बताया कि नमी भरी पूर्वी हवाओं और हवा की गति कम होने के कारण शहर में कई हिस्सों में घना कोहरा रहा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में मंगलवार को मध्यम कोहरा रहा था। आईएमडी के अनुसार शून्य से 50 मीटर के बीच दृश्यता होने पर कोहरा बेहद घना, 50 से 200 मीटर के बीच घना, 201 से 500 के मीटर के बीच मध्यम और 501 से 1000 के बीच दृश्यता होने पर कोहरे को हल्का माना जाता है।
इस बीच, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार को अत्यंत खराब श्रेणी में रही, हालांकि हवा की गति बढ़ने के साथ इसके बेहतर होने की संभावना है। आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार सोमवार सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 था।
रविवार को 24 घंटे का औसतन एक्यूआई 389 और शनिवार को 404 था। पड़ोसी शहरों गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 432, ग्रेटर नोएडा में 410, फरीदाबाद में 405 और नोएडा में 414 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच सामान्य, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच अत्यंत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। आईएमडी ने कहा कि सोमवार को करीब 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, जो प्रदूषक तत्वों के छितराव के लिए अनुकूल होंगी।(भाषा)