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Last Updated : गुरुवार, 7 अप्रैल 2022 (22:54 IST)

अनूठा जुनून : आग बरसाती दोपहर में पक्षियों को पानी पिलाने घूमती है युवाओं की यह टोली

अनूठा जुनून : आग बरसाती दोपहर में पक्षियों को पानी पिलाने घूमती है युवाओं की यह टोली - This group of youth roams around to give water to the birds
नर्मदापुरम (होशंगाबाद)। भीषण गर्मी के इस दौर में जब लोगों का घर से निकलना दूभर हो रहा है। ऐसे में शहर के कुछ जुनूनी युवाओं ने पक्षियों को पानी पिलाने की अनूठी मुहिम शुरू की है। गर्मी का पारा 42 हो या 45 पर युवाओं की यह टोली पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था में लगी रहती है।

इसके लिए युवाओं ने शहरभर में पेड़ों पर दर्जनों सकोरे लगाए हैं, जिसमें पानी भी भरते हैं और पक्षियों के लिए दाना भी डालते हैं। पक्षियों के लिए दाना-पानी के लिए होने वाले खर्च की व्यवस्था युवा आपस में चंदा इकट्ठा कर करते हैं।

युवा राकेश रघुवंशी ने बताया कि आग उगलती गर्मी में पक्षियों को भी पानी की बेहद जरूरत होती है। इसके लिए हमने साथियों के साथ मिलकर एक मुहिम शुरू की है। शहर में सड़कों के किनारे लगे पेड़ों पर सकोरे (पक्षियों के लिए पानी से भरा कटोरा) लगाए गए हैं।

प्लास्टिक के बाउल नुमा इन सकोरों को शहरों में रस्सी बांधकर पेड़ों पर लटकाया जा रहा है। शहर में पक्षियों के लिए पानी और दाना डाला जाता है। यहां पक्षी झुंड बनाकर आते हैं और सकोरे के ऊपर बैठकर दाना-पानी लेते हैं। राकेश ने बताया कि यूं तो शहर में जगह-जगह प्याऊ अधिक खोली जाती हैं जिससे आमजन की प्यास बुझ जाती है।

लेकिन पक्षियों के लिए पीने की पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है हालांकि लोग घरों में सकोरे रखकर पक्षियों के पानी की व्यवस्था करते हैं लेकिन यह बहुत कम संख्या में होती है। पक्षियों के लिए हमने मुहिम शुरू की है यह मुहिम जून तक चलाएंगे।

दोपहर भर घूमती है युवाओं की टोली : दोपहर होते ही जहां लोग गर्मी से बचने के लिए कूलर-एसी के पास पहुंच जाते हैं। वहीं युवाओं की यह टोली बोतलों में पानी लेकर सड़कों पर निकल जाती है। बोतलों में लाए गए पानी को पेड़ों पर लगाए गए सकोरों में भरा जाता है। जहां दाना कम हो जाता है, वहां सकोरे में दाना भी डाला जाता है।

सकोरों की देखभाल की ली जिम्मेदारी : युवा राकेश ने बताया कि सकोरों में पानी भरने के लिए हमारी टोली के सदस्यों के अलावा लोग भी जिम्मेदारी ले रहे हैं। बाजार में लगे सकोरों में निरंतर पानी भरने और दाना रखने के लिए आसपास के दुकानदार भी सहयोग कर रहे हैं। 
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