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Written By कीर्ति राजेश चौरसिया

मैं मर गई तो भूत बनकर बचाऊंगी अपने पापा को...

मैं मर गई तो भूत बनकर बचाऊंगी अपने पापा को... - student's death, suicide
छतरपुर ( बुंदेलखंड। छतरपुर एक तरफ जहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान जारी है तो वहीं दूसरी ओर हर रोज कोई ना कोई बेटी काल के गाल का शिकार हो रही है।  ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है जहां छतरपुर जिले के घुवारा क्षेत्र का जहाँ कुछ मनचले लड़कों की छेड़छाड़ से तंग आकर एक स्कूली छात्रा ने खुद को आग लगा ली, जहाँ इलाज के बाद उसकी मौत हो गई है।
आरोपी पुलिस गिरफ्त में : डॉक्‍टरों के मुताबिक छात्रा 80-90 प्रतिशत तक जल चुकी थी, जिसे ग्वालियर रिफर किया गया था। ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छात्रा के परिजनों का कहना है कि गांव के ही कुछ दबंग लड़के उनकी लड़की को स्कूल से आते-जाते छेड़ते और फब्तियां कसते थे। छात्रा की मौत के  बाद पुलिस सक्रिय हुई और चारों आरोपियों, हिमांशु चौबे, अमित पटैरिया, राहुल चौबे और रोहित चौबे को धारा 354, 809, 506, 509 के तहत गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।
तंग आकर उठाया यह कदम : गंभीर रूप से जली छात्रा ने कैमरे पर बताया कि एक दिन चार लड़के उसके घर में घुस आए थे और मां के साथ मारपीट कर मुझे छेड़ने लगे थे। इसी सब से तंग आकर उसने यह कदम उठाया है। 
 
भूत बनके बचाऊंगी अपने पापा को : छात्रा ने हादसे के बाद गंभीर हालात में अपने परिजनों को हाल बताया कि कैसे उसे ये लड़के परेशान करते थे और क्यों उसने यह कदम उठाया..। उसका कहना था कि उसे रोहित चौबे, हिमांशु चौबे, अमित पटेरिया सहित मोहल्ले के कई लड़के उसे बहुत परेशान करते थे। अगर वह पढ़ने जाती थी तो उसे देखकर हंसते थे। 
 
रास्ते में उससे हूटिंग करते थे और कहते थे कि हम बात करने को कहते थे। अगर हम बात नहीं करते थे तो अश्लीलता करते थे। इसी बात पर मैंने एक बार कह दिया था कि चप्पल मारूँगी और उसी बात का बदला लेने के लिए हमारी इज्जत उछाल रहे थे, इसीलिए हमने यह इतना बड़ा कदम उठाया।

इस बात को मैंने घर पर नहीं बताया। अगर बताते तो लड़ाई हो जाती और वो हमारे मम्मी-पापा को कुछ कर देते। हमारे मम्मी पापा बहुत गरीब हैं उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे उनसे लड़ सकें। अब अगर वो मेरे मम्मी-पापा को कुछ करेंगे तो मैं मरकर भूत बनकर उनको बचा लूंगी और अपना बदला लूंगी। बस इतना कहने (अपने आखरी शब्दों) के बाद इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
 
 मामले से इतना तो तय है कि छात्रा उन लड़कों से बेजा परेशान थी उसे खुद की इज्जत बचाना मुश्किल हो गया था। खुद की इज्जत और माँ-बाप को परेशानी से बचाने के लिए उसने ऐसा कदम उठाया।