शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. ritu khanduri bhushan first woman speaker in uttarakhand assembly
Written By एन. पांडेय
Last Updated : बुधवार, 23 मार्च 2022 (22:21 IST)

उत्तराखंड को पहली बार मिलेगी महिला स्पीकर, कौन हैं ऋतु खंडूरी? जो निभाएंगी यह जिम्मेदारी

उत्तराखंड को पहली बार मिलेगी महिला स्पीकर, कौन हैं ऋतु खंडूरी? जो निभाएंगी यह जिम्मेदारी - ritu khanduri bhushan first woman speaker in uttarakhand assembly
देहरादून। उत्तराखंड के कोटद्वार विधानसभा से चुनाव जीतने वाली ऋतु खंडूरी प्रदेश की पहली महिला स्पीकर बनेंगी। उत्तराखंड में पहली बार कोई महिला यह जिम्मेदारी संभालेंगी। राज्य बनने से अब तक विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिर्फ पुरुष ही संभालते आए हैं।

पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार सीट से विधायक ऋतु की उम्र 56 साल है। उनके पिता बीसी खंडूरी दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। ऋतु ने 1986 में मेरठ यूनिवर्सिटी के रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की। पिता बीसी खंडूरी 2007 से 2009 और फिर 2011 से 2012 के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। खंडूरी सेना से रिटायर होने के बाद राजनीति में आए थे। मेजर जनरल रैंक से रिटायर हुए खंडूरी को 1982 में अतिविशिष्ट सेवा मेडल दिया गया था।
 
खंडूरी गढ़वाल लोकसभा से जीतने वाले वो पहले सांसद हैं और यहां से कुल 5 बार जीतकर सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे। 2007 में खंडूरी के नेतृत्व में बीजेपी को उत्तराखंड में जीत मिली और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। पहले वे 2009 तक मुख्यमंत्री बने रहे।

फिर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बना दिया गया। फिर 2011 से 2012 तक चुनाव से ठीक पहले बीसी खंडूरी दोबारा मुख्यमंत्री बने रहे। ऋतु ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया। इसके पहले ऋतु ने 2017 में पहली बार यमकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी कांग्रेस पार्टी में हैं और गढ़वाल सीट से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए। 
युवाओं पर जताया भरोसा : धामी ने अपनी कैबिनेट में युवाओं पर ही भरोसा जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे सौरभ बहुगुणा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उम्रदराज नेताओं को ड्रॉप कर दिया गया है। पूर्व पेयजल मंत्री बिशनसिंह चुफाल, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को फिलहाल मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी की शपथ के बाद आठ कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली। पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने वालों में सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, धनसिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल और गणेश जोशी शामिल हैं। हाईकमान द्वारा धामी का नाम मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ही मंत्री बनने की लॉबिंग भी शुरू हो गई थी। लेकिन, सारे कयासों पर लगाम लगाते हुए धामी ने युवा चेहरे पर ही भरोसा जताया है।
 
पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ के बाद उनके लिए अपना सिक्का जमाने का मौका है तो साथ ही चुनौतियों का ऊंचा पहाड़ भी है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार करने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले धामी खाली खजाने के चलते इस लक्ष्य को हासिल कैसे करते हैं यह देखने वाली बात होगी। हर बार कर्ज लेकर कर्मचारियों को वेतन देना पड़ रहा है।

राज्य पर कर्ज का बोझ इतना बढ़ रहा है कि साल 2022 के अंत तक उत्तराखंड पर 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो जाने का अनुमान है। धामी ने अपने पिछले 6 महीनों के कार्यकाल में जिस तरह पार्टी का माहौल बनाने के लिए लोक-लुभावन घोषणाओं की झड़ी लगाई उसको पूरा करने की भी चुनौती अब उनके सामने है।

छोटी- बड़ी 500 से अधिक सौगातों की घोषणाओं में से बहुत-सी घोषणाओं का जमीन पर उतरने का इंतजार आज भी है। गंभीर आर्थिक संकट के कारण राज्य पर कर्ज का बोझ ही 72 हजार करोड़ पार कर चुका है, जिसका ब्याज ही लगभग 7 हजार करोड़ सालाना तक पहुंच गया है।

सरकार को वेतन, भत्ते, मजदूरी और अधिष्ठान पर बजट का 30 प्रतिशत और 2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों की पेंशन पर 13.6 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है। इधर 2005 के बाद लगे 1 लाख से अधिक कर्मचारियों की पेंशन बहाली की मांग का जोर बढ़ता जा रहा है। पुलिस ग्रेड पे का दबाव अलग से है। यह खर्च ही हजारों करोड़ का बैठेगा और देनदारी चुकाने के लिए कर्ज के अलावा दूसरा कोई जरिया भी नहीं है।
ये भी पढ़ें
शहीद दिवस पर CRPF जवानों ने अयोध्या में किया रक्तदान