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Last Updated : शनिवार, 21 मई 2022 (16:17 IST)

करवटें बदलते हुए जेल में गुजरी सिद्धू की पहली रात, इस तरह 8 माह में आ सकते हैं जेल से बाहर

करवटें बदलते हुए जेल में गुजरी सिद्धू की पहली रात, इस तरह 8 माह में आ सकते हैं जेल से बाहर - Navjot Singh Sidhu's first night in jail while changing sides
पटियाला। 20 मई की रात को पंजाब की पटियाला जेल का कैदी नंबर 241383 सारी रात सिर्फ करवटें ही बदलता रहा। 4 अन्य कैदियों के साथ 10x15 के सेल में रुके इस कैदी ने जेल में अपनी पहली रात भूखे पेट गुजारी। जिस कैदी की बात हो रही है उसका नाम है नवजोत सिंह सिद्धू, जो कि 1988 के रोड रेज मामले के चलते इस वक्त जेल में है।
 
नवजोत सिंह सिद्धू के कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि जेल में सिद्धू की पहली रात करवटें बदलते हुए गुजरी। उन्होंने खाने में कुछ नहीं खाया और केवल दवाइयां लीं। सिद्धू को पटियाला के केंद्रीय सुधार गृह की 10x15 की कोठरी अलॉट हुई है जिसमें उनके साथ 4 और भी कैदी हैं। सिद्धू को जेल में बिलकुल आम कैदियों की तरह ही रखा गया है।
 
आम जिंदगी में आलीशान लाइफस्टाइल जीने वाले सिद्धू को कुछ महीनों तक जेल में एक साधारण कैदी की तरह रहना पड़ेगा। जेल में उन्हें 1 कुर्सी, अलमारी, टेबल, मच्छरदानी, कॉपी पेन, 4 कुर्ते-पजामे, 1 जोड़ी जूते और 2 बेडशीट आदि सामान दिए गए हैं।
 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 27 दिसंबर 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर सिद्धू का विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया था कि मारपीट के बाद गुरनाम सिंह नाम के व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई थी। लोअर कोर्ट ने तो इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था लेकिन उसके बाद ये मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जहां 25 मार्च 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने मामला सुरक्षित किया और 19 मई 2022 को सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई गई।
 
जानकारों का मानना है कि जेल में अच्छा आचरण प्रदर्शित करने पर उन्हें जेल प्रशासन विशेष अधिकारों के चलते छूट दे सकता है और वे 8 महीनों के बाद ही जेल से बाहर आ सकते हैं। पंजाब जेल के एक अधिकारी के मुताबिक जेल में काम करने के बदले में सिद्धू को 48 दिनों की छूट मिल ही जाएगी।
 
सूत्रों के मुताबिक जेल के पुलिस महानिदेशक या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को किसी कैदी को अतिरिक्त 60 दिनों की छूट देने का अधिकार होता है। लेकिन देखा जाए तो ये छूट असाधारण मामलों और राजनीतिक सहमति से ही दी जाती है। इसके अलावा सिद्धू, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के भी करीबी माने जाते हैं, क्योंकि विपक्षी दल में होते हुए भी सिद्धू कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने भगवंत के साथ बैठक की है। ऐसे में अगर राज्य सरकार कोई विशेष छूट का ऐलान करती है तो सिद्धू को जेल से कुछ महीनों पहले ही मुक्ति मिल सकती है।
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