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Last Updated : सोमवार, 5 अगस्त 2024 (12:02 IST)

Wayanad Landslide: वायनाड में राहत शिविरों में रह रहे 2,500 से अधिक लोग, घरों से सामान चोरी की घटनाएं बढ़ीं

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस गश्त शुरू

kerala wayanad landslides
Wayanad Landslide: केरल के भूस्खलन (Keralas landslide) प्रभावित वायनाड (Wayanad) जिले में 599 बच्चों और 6 गर्भवती महिलाओं समेत 2,500 से अधिक लोगों ने विभिन्न राहत शिविरों में आश्रय ले रखा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वायनाड जिले के मेप्पडी और अन्य ग्राम पंचायतों में भूस्खलन प्रभावित लोगों के लिए कुल 16 राहत शिविर बनाए गए हैं।

 
723 परिवारों के 2,514 लोगों ने आश्रय लिया : आंकड़ों के मुताबिक इन राहत शिविरों में 723 परिवारों के 2,514 लोगों ने आश्रय ले रखा है जिनमें 943 पुरुष, 972 महिलाएं और 599 बच्चे शामिल हैं। राहत शिविरों में 6 गर्भवती महिलाएं भी रह रही हैं। रविवार शाम तक के आंकड़ों के अनुसार भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मलबे से अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। इसके अलावा, अधिकारी फोन पर कुछ लोगों से संपर्क करने में सफल रहे हैं जिसके बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है।

 
वायनाड में भूस्खलन पीड़ितों का सामान चुरा रहे चोर : केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से तबाह हुए गांवों के निवासियों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा की वजह से वे जान बचाने के लिए मजबूरन अपने घर छोड़कर अन्यत्र गए, लेकिन चोर राज्य के सबसे बड़े मानवीय संकट का फायदा उठाकर उनके घरों से सामान चुरा रहे हैं।
 
बार-बार मिल रहीं इन शिकायतों के बाद पुलिस ने रात में गश्त बढ़ा दी है। कुछ प्रभावित लोगों ने अधिकारियों से चोरी करने के इरादे से रात में इलाके में घुसने वालों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने का आग्रह किया है। एक प्रभावित व्यक्ति ने कहा कि हम इस त्रासदी में अपना सब कुछ खो चुके हैं। हमने भूस्खलन के बाद अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़े और सुरक्षित जगहों पर गए। बाद में जब हम अपने घरों को देखने के लिए लौटे तो हमें दरवाजे टूटे हुए मिले।

 
व्यक्ति ने यह भी शिकायत की कि भूस्खलन प्रभावित कई लोग अभी रिजॉर्ट के कमरों में रह रहे हैं, लेकिन चोरों ने उन्हें वहां भी नहीं बख्शा और उनके कपड़े चुरा ले गए। अधिकारियों का कहना है कि चूरलमाला और मुंडक्कई सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस गश्त शुरू कर दी गई है। एक बयान में कहा गया है कि रात में बिना अनुमति के प्रभावित इलाकों या पीड़ितों के घरों में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 
बयान के अनुसार किसी को भी रात में पुलिस की अनुमति के बिना प्रभावित इलाकों या घरों में, बचाव अभियान के नाम पर या किसी और बहाने से प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। रविवार शाम तक के आंकड़ों के मुताबिक भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मलबे से अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। इसके अलावा अधिकारी फोन पर कुछ लोगों से संपर्क करने में सफल रहे हैं जिसके बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta