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Last Updated : सोमवार, 5 अगस्त 2024 (13:10 IST)

क्या है वक्फ बोर्ड कानून? क्या बदलाव कर रही है सरकार, आज संसद में पेश होगा बिल

Waqboard
Waqf Board Land and Property Details : संसद में आज मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती करने वाला बिल ला सकती है। इस बिल के मुताबिक सरकार वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर पर लगाम लगाना चाहती है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित देते हैं। इस बिल को लेकर संसद में हंगामे के आसार हैं।

बता दें कि वक्फ बोर्ड अधिनियन 1954 में पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में समय के अनुसार कई संशोधन किए गए। नरसिम्हा राव सरकार ने वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी थी। बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर दे तो वो उसकी संपत्ति हो जाती थी। जानते हैं क्या है वक्फ बोर्ड कानून? सरकार क्यों करना चाहती है बदलाव।

क्या बदलाव कर सकती है सरकार : वक्फ एक्ट में बदलाव की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है। इसी मानसून सत्र में इसको लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से इसमें जो बदलाव किया जा सकता उसके तहत केंद्र वक्फ बोर्ड की ओर से किए गए संपत्ति के दावों की वेरिफिकेशन जरूरी कर सकती है। यही नहीं इसके साथ ही बोर्ड की विवादित संपत्तियों को लेकर भी वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जा सकता है।

कम हो जाएंगे बोर्ड के अधिकार : केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के खिलाफ संसद में बिल पेश करने वाली है। इस बिल में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम किए जाने का प्रस्ताव है। वहीं अब सरकार के इस बिल का विरोध शुरू हो गया है। सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि सरकार को इस तरह के फैसलों से बचना चाहिए। वक्फ अधिनियम 1954 में नेहरू सरकार के समय पारित किया गया था। वक्फ बोर्ड बनने के बाद वक्फ का सेंट्रलाइजेशन कर दिया गया था. उसके बाद वक्फ एक्ट में मुस्लिमों की संपत्ति के रखरखाव का काम किया जाता था।

कैसे आया वक्फ बोर्ड 'शब्द' : वक्फ की बात करें तो यह अरबी भाषा से लिया गया शब्द है। इसका मतलब होता है भगवान यानी खुदा के नाम पर किसी वस्तु या परोपरकार के लिए दान किया गया धन। खास बात यह है कि इस वक्फ के दायरे में न सिर्फ चल बल्कि अचल दोनों ही तरह की संपत्तियों को शामिल किया जाता है। यही नहीं इसमें कोई मुस्लिम समुदाय का शख्स धन, मकान, जमीन या फिर कोई भी कीमती वस्तु वक्फ को दान कर सकता है।

कौन करता है रख-रखाव : वक्फ को दान में मिलने वाली जमीन, धन, मकान या फिर अन्य चीजों की देख रेख के लिए उनका खास प्रबंधन है. यह प्रबंधन राष्ट्र से लेकर स्थानीय दोनों स्तर पर होता है। वक्फ निकाय इन सभी दान चीजों का ध्यान रखता है।

कैसे शुरू हुए वक्फ बोर्ड के अधिकार : बात 1954 की है जब तात्कालिन केंद्र सरकार ने वक्फ बिल पारित किया था। इसके बाद 1964 में केंद्रीय वक्फ काउंसिल बनी। दरअसल 1954 में जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी. उन्होंने एक्ट को पास कराने में अहम भूमिका निभाई।

क्या था वक्फ एक्ट का मकसद : नेहरू सरकार ने जब 1954 में इस एक्ट को सदन में पारित किया तो उस समय इसका मकसद था वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना। इसके साथ ही जरूरी प्रावधान भी करना. इस एक्ट के तहत वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर उसके रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान किए गए।

कितनी संपत्ति है वक्फ बोर्ड के पास : बता दें कि देश में भारतीय रेलवे और कैथोलिक चर्च चके बाद अगर किसी के पास सबसे ज्यादा जमीन है तो वह है वक्फ बोर्ड। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वक्फ बोर्ड के पास एक दो नहीं बल्कि 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन वर्तमान समय में है। खास बात यह है कि 2009 में यह जमीन सिर्फ 4 लाख एकड़ थी। लेकिन 14 साल के अंदर जमीन दोगुना से ज्यादा हो गई है। इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सा मस्जिद, मदरसा या फिर कब्रगाह के नाम पर है। बता दें कि वर्ष 2022 में जब वक्फ बोर्ड की जमीन का आंकलन किया गया था तो यह 865644 एकड़ थी। यह सभी अचल संपत्तियां हैं।
Edited By: Navin Rangiyal