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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 5 अगस्त 2024 (00:18 IST)

Waqf Board Act में बदलाव की तैयारी, 1995 के कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाएगी मोदी सरकार, जानिए क्या होगा असर

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

Waqf Board Act में बदलाव की तैयारी, 1995 के कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाएगी मोदी सरकार, जानिए क्या होगा असर - Government set to bring bill to curb waqf board powers on assets
Waqf Board Act  : सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने वाली है ताकि इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी हो सके। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि यह कदम मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।
 
संपत्ति को लेकर बड़ा निर्णय : वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं। सूत्रों ने रविवार को बताया कि सभी वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि यह वक्फ के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है।
मूल रूप से, पूरे भारत में वक्फ बोर्ड के पास करीब 52,000 संपत्तियां हैं। वर्ष 2009 तक चार लाख एकड़ भूमि पर 3,00,000 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां थीं और आज की तारीख में, आठ लाख एकड़ से अधिक भूमि पर 8,72,292 ऐसी संपत्तियां हैं। वक्फ द्वारा अर्जित राजस्व का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने रेखांकित किया कि इस धन का उपयोग केवल मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सकता है, किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं।
 
40 संशोधनों वाला विधेयक : मौजूदा कानून में 40 से अधिक बदलावों वाला संशोधन विधेयक मौजूदा संसद सत्र में लाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि सरकार की योजना विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद लंबित छोड़ने की नहीं है। कानून में प्रस्तावित प्रमुख बदलावों में बोर्ड द्वारा किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है।
 
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, विभिन्न राज्य बोर्ड द्वारा दावा की गई विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन भी किया जाएगा। वक्फ बोर्ड की संरचना के संबंध में किए गए बदलावों से इन निकायों में महिलाओं को शामिल करना सुनिश्चित होगा।
सूत्रों ने कानून में संशोधन के लिए न्यायमूर्ति सच्चर आयोग और के. रहमान खान की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति की सिफारिशों का हवाला दिया। सरकार के फैसले से अवगत एक सूत्र ने कहा, ‘‘समुदाय के भीतर से पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए कानून में संशोधन की मांग की गई है। उच्च न्यायालय के कुछ मुस्लिम न्यायाधीशों ने कहा था कि वक्फ बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती। अब संशोधन विधेयक इसे सही करने का प्रयास करता है।’’
 
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं : सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने की तैयारी के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को कहा कि वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एआईएमपीएलबी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दलों और विपक्षी दलों से भी आग्रह किया कि वे ऐसे किसी भी कदम को पूरी तरह से खारिज करें और संसद में ऐसे संशोधनों को पारित न होने दें।
 
एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने एक बयान में कहा कि बोर्ड इस कदम को विफल करने के लिए सभी प्रकार के कानूनी और लोकतांत्रिक उपाय अपनाएगा। 

क्या बोले भाजपा नेता : कानून में संशोधन के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि बोहरा और मुस्लिम समुदाय के अन्य सदस्यों ने वक्फ बोर्ड की विसंगतियों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने दावा किया कि इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए वक्फ बोर्ड के अन्य कार्यों में शामिल होने की शिकायतें मिली हैं।

अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘वक्फ की कार्यशैली को ‘टच मी नॉट’ (अछूत) की सनक-सियासत से बाहर आना होगा।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘समावेशी सुधारों पर सांप्रदायिक वार ठीक नहीं है।’’
 
भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा कि वक्फ बोर्ड में सुधार की मांग कोई नयी बात नहीं है, यह पिछले 30-40 साल से चल रही है। जो लोग यह मांग उठा रहे हैं और इससे प्रभावित हैं, वे खुद मुसलमान हैं। वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि जब भी यह विधेयक पेश किया जाएगा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस इसका समर्थन करेंगी।’’ इनपुट भाषा