कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आधिकारिक रूप से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उपचुनाव की घोषणा की, जिसके साथ दक्षिण कोलकाता की इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने किसी भी संवैधानिक संकट से बचने के लिए आयोग से चुनाव कराने का अनुरोध किया था।
बनर्जी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी। बनर्जी को पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा की सदस्यता प्राप्त करनी होगी।
भाजपा, कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चा ने उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम अभी घोषित नहीं किए हैं। यह उपचुनाव मुर्शिदाबाद जिले की शमसेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीटों पर चुनाव के साथ 30 सितंबर को होगा। इन दोनों सीटों पर हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान नहीं हो सका था। तीनों सीटों के लिए मतगणना तीन अक्टूबर को होगी।
जंगीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार जाकिर हुसैन हैं, वहीं शमसेरगंज से पार्टी ने अमीरूल इस्लाम को उतारा है। वरिष्ठ पार्टी नेता सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दिया है ताकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपचुनाव लड़कर राज्य विधानसभा की सदस्य बनने का रास्ता साफ हो।चट्टोपाध्याय ने इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार और अभिनेता रुद्रनील घोष को करीब 28,000 वोटों से हराया था।
बनर्जी 2011 से दो बार भवानीपुर सीट पर चुनाव जीत चुकी हैं। वह इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट छोड़कर नंदीग्राम लड़ने चली गई थीं, लेकिन अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से हार गईं, जो अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। भवानीपुर उपचुनाव के लिए अधिसूचना छह सितंबर को जारी होगी, जिसके बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कार्यकर्ताओं में भिड़ंत : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच कोलकाता के पास राजपुर में रविवार को झड़प हो गई जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि एसएफआई के कार्यकर्ता स्कूल और कॉलेज खोलने की मांग को लेकर इलाके में जुलूस निकाल रहे थे और इस वजह से सोनारपुर दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस की विधायक लवली मोइत्रा यातायात में फंस गईं।
अधिकारी ने कहा कि नारेबाजी के बीच, एसएफआई कार्यकर्ताओं और मोइत्रा के साथ आए तृणमूल समर्थकों के बीच कहासुनी हो गई। उन्होंने कहा कि इसके बाद मामला बढ़ गया और दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को भेजा गया। एसएफआई की एक नेता ने कहा, रैली सोनारपुर स्टेशन से शुरू हुई और हम राजपुर की ओर बढ़ रहे थे। हमारी मांग थी कि छात्रों के हित में शैक्षणिक संस्थान खोले जाएं। हमने रैली के लिए पुलिस की अनुमति ली थी।
उन्होंने कहा कि पता नहीं कहां से तृणमूल के कार्यकर्ता आ गए और हम जब राजपुर पहुंचे तब उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया। मोइत्रा ने कहा कि जब उनकी कार यातायात में फंसी थी, तब रैली से उन्हें अपशब्द कहे गए। उन्होंने दावा किया कि जब तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो एसएफआई कार्यकर्ताओं ने उनको पीटना शुरू कर दिया।
मोइत्रा ने कहा कि घटना के पीछे जो भी हैं मैं उन्हें सजा दिलाना चाहती हूं। पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।