बर्फीले तूफान में फंसे गाइड खिलाफ सिंह दानू का जीवन संकट में, प्रशासन को लेकर ग्रामीणों में रोष
बागेश्वर। बागेश्वर जिले के सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में पिछले 3 दिनों से बर्फीले तूफान के बीच फंसे गाइड खिलाफ सिंह दानू के बचने की उम्मीदें समय बीतने के हर पल के साथ क्षीण होती जा रही हैं। ऐसे में खिलाफ सिंह दानून के गांव वाले अत्यधिक चिंता में हैं। उनका रोष प्रशासन को लेकर भी बढ़ रहा है।
लेकिन मजबूरी यह है कि लगातार तीन दिनों से उड़ान भर रहा हेलीकॉप्टर उस इलाके में खोज और बचाव को इसलिए अंजाम नहीं दे पा रहा है क्योंकि वहां मौसम प्रतिकूल बना हुआ है। कुछ भी जमीन पर न दिखाई देने से उनको ढूंढना मुश्किल बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि 16 अक्टूबर को खाटी से बंगाल के पांच पर्यटकों को साथ लेकर एक स्थानीय गाइड और चार पोर्टर खाटी से सुन्दरढूंगा ग्लेशियर के लिए ट्रैकिंग पर निकले। बीते 20 अक्टूबर को अचानक मौसम खराब होने से सभी बर्फीले तूफान में फंस गए। गाइड खिलाफ सिंह के पास एक वॉकी टॉकी था, जिसकी लोकल रेंज पांच किमी की रही होगी।
इस वॉकी टॉकी के जरिए स्थानीय पोर्टरों ने तूफ़ान में घिरने की सूचना अपने गांव के लोगों को 20 अक्टूबर शाम को सूचना दी। इस सूचना को पाने के बाद ग्रामीणों ने इस सूचना को प्रशासन तक पहुंचाया और फंसे लोगों की मदद की गुहार लगाई थी। उस दिन के बाद चार पोर्टर बर्फीले तूफ़ान में घायल हो जाने के बावजूद किसी तरह अपने गांव पहुंच भी गए, लेकिन प्रशासनिक अमला उस क्षेत्र में नहीं पहुंच सका, जहां से बर्फीले तूफ़ान में लोगों के फंसे होने की सूचना दी गई थी।
चारों पोर्टर जो कि बमुश्किल घर पहुंचे वो बता रहे हैं कि उनके साथ ट्रेकिंग को गए पांच बंगाली पर्यटकों की मौत हो चुकी है।लगातार प्रशासन बंगाल के पांच पर्यटकों के इन शवों को ढूंढने के प्रयास में रोज हेलीकॉप्टर वहां उड़ा रहा है, लेकिन मौसम के साफ़ न होने से कोई भी सुराग इन लोगों का नहीं लग पा रहा।
बागेश्वर की आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर के अलावा भी पैदल पथ से बंगाली पर्यटकों को ढूंढने को एसडीआरएफ की टीम भी इन सबका पता लगाने गई है, बहुत संभव है कि पोर्टरों के द्वारा बताए गए क्षेत्र तक आज यह टीम पहुंचे।