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Last Modified: बेंगलुरु , शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (00:05 IST)

कर्नाटक की राजनीति में फूटा 'हनी ट्रैप' का बम, सिद्धारमैया के मंत्री का दावा 48 नेता जाल में फंसे

कर्नाटक की राजनीति में फूटा 'हनी ट्रैप' का बम, सिद्धारमैया के मंत्री का दावा 48 नेता जाल में फंसे - karnataka minister claims 48 politicians including central leaders honey trapped demands high level investigation know all
कर्नाटक में विभिन्न दलों के विधायकों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक में राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘हनी ट्रैप’ (मोहपाश में फंसाना) के प्रयास किए जा रहे हैं।  सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सदन को बताया कि राज्य में 48 लोग ‘हनी ट्रैप’’ के शिकार हुए हैं और उनके अश्लील वीडियो प्रसारित किए गए हैं, वहीं राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने आरोप लगाया कि राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री पर ‘‘हनी ट्रैप’’ के दो असफल प्रयास किए  गए। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी मामले में पुलिस शिकायत की मांग का समर्थन किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि पहले पुलिस थाने में शिकायत दी जाए, फिर उसकी जांच की जाएगी।
 
राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने विपक्ष के दावों का समर्थन किया और ऐसे मामलों की उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया। राज्य में 48 लोगों की सीडी और पेन ड्राइव मौजूद हैं। यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और कई केंद्रीय मंत्री भी इसके जाल में फंसे हैं।  आरोपों का जवाब देते हुए परमेश्वर ने ऐसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।
 
गृह मंत्री ने विधानसभा में कहा कि यदि हमें अपने सदस्यों की गरिमा बनाए रखनी है तो हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी होगी। यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि मैं इसकी उच्चस्तरीय जांच का आदेश दूंगा।
 
राजन्ना ने कहा कि लोग कहते हैं कि कर्नाटक में सीडी (कॉम्पैक्ट डिस्क) और पेन ड्राइव बनाने वाली फैक्टरी है। मुझे पता चला है कि राज्य में 48 लोगों की सीडी और पेन ड्राइव मौजूद हैं। यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और कई केंद्रीय मंत्री भी इसके जाल में फंसे हैं।
बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने दावा किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए ब्लैकमेल की रणनीति का इस्तेमाल किया गया। भाजपा विधायक वी. सुनील कुमार ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग अपने विरोधियों को हरा नहीं सके, वे अपने राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘ब्लैकमेलिंग’ का सहारा ले रहे हैं।
 
उन्होंने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया क्योंकि एक मंत्री ने दावा किया है कि 48 लोग ‘हनी ट्रैप’ में फंस गए हैं। कुमार ने कहा कि जब कोई मंत्री ऐसा बयान देते हैं तो स्थिति गंभीर हो जाती है। अगर सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की और उचित जवाब नहीं दिया तो हम यह मान लेंगे कि इसमें सरकार शामिल है।
 
इससे पहले दिन में राज्य के लोक निर्माण मंत्री जारकीहोली ने दावा किया कि राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री पर ‘‘हनी ट्रैप’’ के दो असफल प्रयास किये गये। जारकीहोली ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘... (एक मंत्री पर हनी ट्रैप के) दो बार प्रयास हुए, लेकिन ये सफल नहीं हुए। यह कर्नाटक में ‘हनी ट्रैप’ की पहली घटना नहीं है।’’
 
घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की चाल नहीं चलनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी स्थितियों का फायदा उठाते हैं और इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने संबंधित मंत्री से शिकायत दर्ज कराने को कहा है, उसके बाद ही पुलिस कार्रवाई कर सकती है और जांच शुरू कर सकती है। 
जारकीहोली ने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री (सिद्धरमैया) से बात करेंगे... इस बारे में गृह मंत्री (परमेश्वर) से भी चर्चा कर चुके हैं। अगर कोई शिकायत है तो इससे जांच में मदद मिलेगी। 
‘हनी ट्रैप’ के खिलाफ गैर-पक्षपातपूर्ण लड़ाई की आवश्यकता पर बल देते हुए जारकीहोली ने कहा कि सभी दलों के नेता इसके शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पहले की सरकारों में भी लोग ‘हनी ट्रैप’ के शिकार हुए थे, कुछ नाम सुने गए थे, अब हमारे लोगों (कांग्रेस) के नाम सुने गए हैं, यदि भविष्य में भी ऐसा हो तो आश्चर्य नहीं होगा। यह बंद होना चाहिए। भाषा Edited by : Sudhir Sharma