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  4. Muslims will now get 4 percent reservation in government contracts in Karnataka
Last Updated :बेंगलुरु , मंगलवार, 18 मार्च 2025 (17:38 IST)

कर्नाटक में अब सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण, BJP ने जताया विरोध

भाजपा ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के कर्नाटक सरकार के कदम को असंवैधानिक दुस्साहस करार दिया है।

कर्नाटक में अब सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण, BJP ने जताया विरोध - Muslims will now get 4 percent reservation in government contracts in Karnataka
Karnataka News: कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों (Muslims) के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाला विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पेश किया। राज्य के संसदीय एवं विधि मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कर्नाटक सरकारी खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 को पेश किया। इस प्रस्ताव की घोषणा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने 7 मार्च को पेश किए गए 2025-26 के बजट में की थी।ALSO READ: कर्नाटक में मुस्लिम कॉन्ट्रैक्टर्स को सरकारी टेंडर्स में 4% रिजर्वेशन, क्या बोली BJP
 
राज्य मंत्रिमंडल ने गत शुक्रवार को कर्नाटक सरकारी खरीद में पारदर्शिता अधिनियम (केटीपीसी) में संशोधन को मंजूरी दे दी जिसके तहत 2 करोड़ रुपए तक के कार्यों और 1 करोड़ रुपए तक के माल/सेवा अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव की घोषणा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 7 मार्च को पेश किए गए 2025-26 के बजट में की थी।ALSO READ: कर्नाटक के CM सिद्धारमैया का दावा, बोले- कांग्रेस फिर सत्ता में आएगी
 
वर्तमान में कर्नाटक के सरकारी ठेकों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 24 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी-1 के लिए 4 प्रतिशत और ओबीसी श्रेणी-2ए के लिए 15 प्रतिशत का आरक्षण लागू है। मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण के साथ ओबीसी की श्रेणी 2बी में शामिल करने की मांग की गई थी।ALSO READ: कर्नाटक में येदियुरप्पा का बड़ा दावा, बोले- भाजपा के पक्ष में माहौल, सत्ता में होगी वापसी
 
राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के कर्नाटक सरकार के कदम को असंवैधानिक दुस्साहस करार दिया है। इसने इसे रद्द कराने के लिए अदालत का रुख करने सहित सभी स्तरों पर विरोध करने का संकल्प लिया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta