शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Juhi Chawla Petition Hearing Delhi High Court songs
Written By
Last Updated : बुधवार, 2 जून 2021 (18:33 IST)

HC में गूंजा जूही का गाना, 5जी को लेकर दायर याचिका पर चल रही थी सुनवाई

HC में गूंजा जूही का गाना, 5जी को लेकर दायर याचिका पर चल रही थी सुनवाई - Juhi Chawla Petition Hearing Delhi High Court songs
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में हैरान करने वाला वाकया हुआ। अभिनेत्री जूही चावला ने देशभर में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में आज ऑनलाइन सुनवाई भी हुई। सुनवाई में अभिनेत्री और पर्यावरणविद जूही चावला भी शामिल हुईं। 
 
सुनवाई के दौरान जूही के गाने हाईकोर्ट में गूंजने लगे। जैसे ही जूही शामिल हुईं, किसी ने 1993 की फिल्म 'हम हैं राही प्यार के' का एक लोकप्रिय गीत, 'घूंघट की आड़ से दिलबर का...' गुनगुनाना शुरू कर दिया। इसे देखकर जज भी हैरान हो गए।
सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि कृपया पहले इसे बंद करें। सुनवाई के दौरान एक अन्य प्रतिभागी ने फिर से उनकी फिल्म का गाना गाया। इस बार 'लाल लाल होठों पे गोरी किस्का नाम है...' है की आवाज कोर्ट रूम में गूंजी।
 
कोर्ट ने इस पर सख्त नाराजगी भी जताई। अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के आईटी विभाग को उस शख्स की पहचान करने और आवश्यक कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया।

सीधे अदालत आने पर उठाए सवाल : दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिए बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर बुधवार को सवाल उठाए। उच्च न्यायालय ने तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में सरकार को कोई प्रतिवेदन दिये बगैर, देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला के सीधे मुकदमा दायर करने पर सवाल उठाया।
 
न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा कि वादी चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और यदि वहां इनकार किया जाता, तब उन्हें अदालत में आना चाहिए। अदालत ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाद पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
 
याचिका में दावा किया गया है कि इन 5जी वायरलेस प्रौद्योगिकी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।