• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Jammu-Kashmir BJP opposition
Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019 (18:08 IST)

जम्मू-कश्मीर में भाजपा को विपक्ष से कम 'अपनों' से ज्यादा खतरा

जम्मू-कश्मीर में भाजपा को विपक्ष से कम 'अपनों' से ज्यादा खतरा - Jammu-Kashmir BJP opposition
जम्मू। प्रदेश भाजपा टूट की ओर अग्रसर है क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद असंतुष्टों को अब थामना प्रदेश नेताओं के बस की बात नहीं रही है। लालसिंह अपनी पार्टी की घोषणा कर चुके हैं तो अन्य असंतुष्ट राह तलाश रहे हैं।
 
स्पष्ट शब्दों में कहें तो प्रदेश भाजपा को विपक्ष से कम अपनों से ज्यादा खतरा है। पिछले 2014 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव में से अब तक प्रदेश भाजपा में काफी कुछ बदल चुका है। 2014 के विधानसभा चुनाव में आरएस पुरा सीट से भाजपा की तरफ से जीते गगन भगत अब नेशनल कांफ्रेंस में शामिल हो चुके हैं।
 
वहीं, बसोहली विधानसभा सीट से जीतकर राज्य सरकार में भाजपा की तरफ से मंत्री भी रह चुके चौधरी लालसिंह डोगरा स्वाभिमान संगठन का गठन कर चुके हैं। लालसिंह चुनाव आयोग में सियासी पार्टी को मान्यता देने का आवेदन भी कर चुके हैं और कठुआ-उधमपुर-डोडा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं।
 
हालांकि प्रदेश भाजपा को अभी तक उनका इस्तीफा हासिल नहीं हुआ है। वहीं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना के अनुसार जब तक पूर्व विधायक चौधरी का इस्तीफा पार्टी को नहीं मिलता तब तक वह इस विषय पर सार्वजनिक रूप से ज्यादा कुछ नहीं कह सकते है।
 
इसके अलावा चिनैनी विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक दीनानाथ भगत भी मंत्रीपद हासिल न होने पर भाजपा से नाराज रहे थे और खुलकर उन्होंने प्रदेश भाजपा के प्रति नाराजगी प्रकट की थी। नौ महीनों से लगातार भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर पार्टी को छोड़ने के मौखिक दावे कर रहे पूर्व विधायक चौधरी लालसिंह के गुस्से पर प्रदेश भाजपा फिलहाल चुप है।
 
चुनावी तैयारियों के बीच चौधरी लालसिंह ने अपने डोगरा स्वाभिमान संगठन को भाजपा के खिलाफ चुनाव में उतारने की घोषणा कर दी है। 20 फरवरी को चुनावी तैयारियों को तेजी देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं।
 
ऐसे में चुनावी माहौल में लालसिंह के कड़े तेवरों को भी अनुशासनहीनता नहीं माना जा रहा है। चौधरी उधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं। वह इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर गंभीर हैं। दूसरी ओर हाईकमान के निर्देश हैं कि जैसे भी हो जम्मू की दोनों संसदीय सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित की जाए।
 
ऐसे हालात में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए भाजपा अपने पूर्व विधायक के तेवर लगातार बर्दाश्त कर उन्हें मनाने के लिए रास्ता निकालने की कोशिश में है। चौधरी लालसिंह ने तीन फरवरी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भी हिस्सा नही लिया था।
ये भी पढ़ें
नरेन्द्र मोदी का राहुल पर बड़ा हमला, उल्टा चोर चौकीदार को डांटे...