हेमामालिनी मथुरा को बनाना चाहती हैं नंबर 1, बड़ी बाधा बनी चिंता
मथुरा। भगवान कृष्ण से जुड़े मथुरा-वृंदावन में गंदगी और कचरे के समुचित प्रबंधन नहीं होने पर चिंता जताते हुए स्थानीय सांसद हेमामालिनी ने नगर निगम और उसके महापौर को स्वच्छता के मामले में छावनी परिषद से सीख लेने और शहर को अव्वल नंबर बनाने में सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया।
हेमामालिनी ने शनिवार को यमुना किनारे गोकुल घाट पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम में मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के महापौर मुकेश कुमार आर्यबंधु भी मौजूद थे। कार्यक्रम में हेमामालिनी ने छावनी परिषद द्वारा अपने यहां स्थापित किए गए ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र का लोकार्पण किया।
उन्होंने मथुरा-वृन्दावन जैसी तीर्थनगरी में बड़ी तादाद में देशी-विदेशी श्रद्धालुओं के आने के बाद भी साफ-सफाई पर बिल्कुल भी ध्यान न दिए जाने को लेकर अपनी अप्रसन्नता जताई।
हेमामालिनी ने कहा, ‘वृन्दावन असंख्य मंदिरों की नगरी है। जिसका पुनरूद्धार चैतन्य महाप्रभु ने पांच सौ वर्ष पूर्व किया था। अपने बाद उन्होंने अपने शिष्यों को इस नगरी को वर्तमान स्वरूप देने की जिम्मेदारी दी। देश-विदेश में इस नगरी की महिमा के लिए अनेक गीत लिखे, गाए। इसी वजह से वर्तमान में दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भव्य-दिव्य मंदिरों के दर्शन करने यहां आते हैं। कूड़ा-करकट देखने के लिए नहीं।’
उन्होंने मथुरा-वृन्दावन की वर्तमान स्थिति पर बेहद अफसोस जाहिर करते हुए कहा, 'लेकिन दुख है कि उन्हें यहां नाक बंद करके रास्ते से निकलना पड़ता है। चारों तरफ गंदगी का आलम बना रहता है। लोग उनसे शिकायत करते हैं। यहां तक कि निगम के पार्षद भी उनसे मिलकर निगम की गंदगी का रोना रोते हैं। वे कहते हैं कि निगम में इन दोनों शहरों की सफाई के लिए अपेक्षित मात्रा में कर्मचारी तक नहीं हैं।'
भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा, 'कितनी अच्छी बात है कि छावनी परिषद ने दो वर्ष कड़ी मेहनत कर अपने इलाके को खुले में शौचमुक्त और साफ-सुथरा बना लिया है और आज यहां डेढ़ करोड़ की लागत से ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ प्लांट भी स्थापित कर लिया है। जो कूड़ा खाएगा और समृद्धि लाएगा। ऐसा ही मथुरा नगर निगम को भी करना चाहिए।'
हेमामालिनी ने महापौर और नगर निगम को इसके लिए छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर नवीन राठी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरज जैन से सीख लेने की सलाह देते हुए एक साल की समयबद्ध योजना बनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि तभी यह शहर स्मार्ट सिटी बनेगा।
उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में सौ स्मार्ट सिटी बना रही है। आपने अभी तक मथुरा-वृन्दावन को स्मार्ट सिटी क्यों नहीं बनाया।
छावनी परिषद ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश के अनुपालन में मथुरा में यमुना किनारे गोकुल घाट पर डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बनाओ, चलाओ और सौंप दो (बीओटी) के आधार पर 10 टन की क्षमता वाले सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना की है। जिसमें सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग कर गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने तथा सूखे कचरे को ठेकेदार को बेचे जाने का प्रावधान है। (भाषा)