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Last Modified: मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022 (23:03 IST)

Gyanvapi Masjid case : शिवलिंग के कार्बन डेटिंग पर सुनवाई पूरी, अब 14 अक्‍टूबर को आ सकता है फैसला

Gyanvapi Masjid case : शिवलिंग के कार्बन डेटिंग पर सुनवाई पूरी, अब 14 अक्‍टूबर को आ सकता है फैसला - gyanvapi case hearing on carbon dating of shivling completed next date given for 14 october
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी—सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग से जुड़े मामले पर वाराणसी की जिला अदालत ने मंगलवार को फैसला 14 अक्टूबर तक सुरक्षित रख लिया है।
 
जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रताप पांडेय ने बताया कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण के मामले में बहस पूरी हो गई है। अदालत सुनवाई की अगली तारीख 14 अक्टूबर को इस पर अपना आदेश सुनाएगी।
 
उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण को लेकर सात अक्टूबर को हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि वजूखाने में मिला शिवलिंग उनके वाद का हिस्सा है। हिन्दू पक्ष के स्पष्टीकरण पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।
Gyanvapi masjid
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मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने बताया कि उन्होंने अदालत से कहा है कि परिसर में मिली आकृति की कार्बन डेटिंग नहीं कराई जा सकती। उन्होंने कहा कि दूसरा, हिन्दू पक्ष तोड़—फोड़ की बात कर रहा है, जिससे आकृति नष्ट हो सकती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे संरक्षित रखने का आदेश दिया है। अगर कार्बन डेटिंग के नाम पर आकृति में तोड़-फोड़ की जाती है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना होगी।
 
सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर पिछली मई में हुई ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक लम्बा और ऊपर से गोल पत्थर मिला था। हिन्दू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है, जबकि मस्जिद इंतजामिया कमेटी का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फौव्वारे का हिस्सा है। उसकी दलील है कि मुगलकाल में बनी अनेक अन्य ऐसी मस्जिदें और दीगर इमारतें हैं जिनके वजूखाने में इसी तरह के फौव्वारे लगे हैं।
 
बहरहाल, हिन्दू पक्ष ने जिला अदालत से कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच कराने की मांग की थी, ताकि यह पता लग सके कि वह पत्थर कितना पुराना है। भाषा Edited by Sudhir Sharma
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