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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (08:58 IST)

मोरबी पुल : मुनाफे के लालच में बन गई 100 से ज्यादा लोगों की जल समाधि, जानिए क्या है केबल ब्रिज का इतिहास

मोरबी पुल : मुनाफे के लालच में बन गई 100 से ज्यादा लोगों की जल समाधि, जानिए क्या है केबल ब्रिज का इतिहास - Gujarat : Suspension bridge collapses in Morbi, Who is responsible?
गुजरात में रविवार शाम हुए मोरबी पुल पर बड़ा हादसा हो गया। मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। हादसे में मरम्मत करने वाले कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया। टिकट की दरें भी कम रखी गईं ताकि अधिक लोग पुल के लिए जा सकें। लापता लोगों की तलाश में भारतीय सेना जुटी रही 
पर्यटकों की पसंद है पुल : गुजरात के राजकोट से 64 किलोमीटर की दूरी पर मोरबी का यह पुल बना हुआ है। इस पुल का निर्माण मोरबी को अलग पहचान देने के उद्देश्य से किया गया था। यह 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा पुल है। उत्तराखंड में गंगा नदी पर बने राम और लक्ष्मण झूला की तरह यह भी संस्पेंशन वाला पुल है। इस कारण से उस पर चलने से वे ऊपर-नीचे की ओर हिलते हैं। मोरबी पुल भी इसी तरह का बना हुआ था। इस कारण से वहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते थे।
अंग्रेजों के समय निर्माण : पुल ब्रिटिश शासनकाल की बेहतरीन इंजीनियरिंग का भी नमूना रहा है। 1887 के आसपास निर्माण करवाया गया था। मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने यह पुल बनवाया था। पुल की समय-समय पर मरम्मत भी की जाती थी। पिछले कुछ समय से इसे मरम्मत करने के लिए बंद रखा गया था, जिसके बाद पांच दिन पहले ही दोबारा खोला गया। दिवाली की छुट्टियां होने के चलते पुल पर घूमने आने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई थी। 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा यह पुल दरबारगढ़ पैलेस और लखधीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज को आपस में जोड़ता है। 
 
छुट्टियों में उमड़े लोग : पुल 6 माह से बंद था। रविवार शाम को जिस समय यह हादसा हुआ उस समय भी पुल पर लगभग 400-500 लोग मौजूद थे। दिवाली गुजराती नव वर्ष और रविवार होने के कारण भीड़ बहुत ज्यादा थी। बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे। 5 से 4 दिन पहले ही मरम्मत कर फिर से शुरू किया गया था। 
लापरवाही ने ली जान : पुल पर जाने के लिए टिकट लगता था। सस्ते में टिकट बेचे गए। बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी का भार पुल सहन नहीं कर सका और बीच से टूटकर नदी में गिर गया। पुल की रिपेयरिंग करने वाली कंपनी से फिटनेस सर्टिफिकेट भी जारी नहीं हुआ था।

दर्दनाक हादसे के बाद सवाल यह उठ रहे हैं कि बिना सर्टि‍फिकेट के यह पुल कैसे खोल दिया गया। मीडिया खबरों के अनुसार पुल को फि‍टनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला था। मीडिया में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि क्षमता से अधिक लोगों की जानकारी देने के बाद भी लापरवाही बरती गई।
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