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Written By अरविंद शुक्ला
Last Updated :लखनऊ , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (17:55 IST)

गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराएगी उप्र सरकार

उत्‍तर प्रदेश सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि गरीब तथा मजदूर वर्ग को संतुलित व पौष्टिक सस्ता भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार काम करेगी। इसके लिए कैंटीन की स्थापना तथा इस वर्ग को पराग का दही उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा। 
श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए समाजवादी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों को दी जाने वाली 01 लाख रुपए की सहायता राशि को राज्य सरकार ने बढ़ाकर 05 लाख रुपए कर दिया है। इसके अलावा कार्य स्थल पर बच्चों की देखभाल के लिए पालना गृह का निर्माण कराए जाने की भी योजना है। इसके तहत प्री-कास्ट (अस्थायी) पालना गृह बनाए जाएंगे, ताकि आवश्यकतानुसार उन्हें एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित किया जा सके। 
 
उन्होंने कहा कि श्रमिकों और उनके परिवार की सुविधा को ध्यान में रखकर सौर ऊर्जा सहायता योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत लाभार्थियों को सोलर पैनल व बल्ब सहित अन्य उपकरण मुहैया कराने की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रमिकों को विकास की पहली कड़ी बताते हुए कहा कि मेहनतकश समाज भवन व सड़क सहित तमाम निर्माण कार्य करता है। प्रदेश और देश के विकास में श्रमिकों के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। 
 
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर श्रमिकों के हितार्थ विभिन्न लाभकारी योजनाओं के उद्घाटन एवं लाभ वितरण समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह कार्यक्रम श्रम विभाग के अधीन कार्यरत उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। यादव ने साइकल सहायता योजना के 500 लाभार्थियों को साइकल प्रदान की। इसके अलावा आवास सहायता योजना के तहत 12 श्रमिकों को आवास के लिए, प्रति लाभार्थी 50 हजार रुपए की दर से, सहायता राशि के चेक प्रदान किए। इस योजना के तहत 01 लाख रुपए की धनराशि दो किस्तों में दी जाती है। 
 
उन्होंने 02 लाभार्थियों को आवास की मरम्मत के लिए, 15 हजार रुपए प्रति लाभार्थी की दर से चेक भी दिए। इस अवसर पर सिटी मांटेसरी स्कूल के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा जम्मू और कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 09 लाख रुपए की धनराशि का चेक भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया। विद्यालय के संस्थापक जगदीश गांधी के नेतृत्व में आए छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष के लिए यह चेक यादव को दिया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम विभाग मेहनत करने वाले लोगों से सीधे जुड़ा है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से अपेक्षा की कि अधिक से अधिक श्रमिकों के पंजीकरण के साथ-साथ श्रमिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि जरूरतमन्दों को शासकीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ मिले। इसे ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश में बैंक शाखाओं की स्थापना का कार्य प्राथमिकता पर कराया गया। राज्य में एक दिन में 300 बैंक शाखाएं खोली गईं और यह कार्य लगातार जारी रहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से देश में सर्वाधिक बैंक शाखाएं उत्तर प्रदेश में खुली हैं और राज्य की जनता ने सबसे कम समय में पूरे देश में सर्वाधिक बैंक खाते खुलवाए थे। गौरतलब है कि 29 मार्च, 2013 को राज्य में एक साथ 300 बैंक शाखाएं खोली गई थीं। 
 
लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राज्य की प्रगति में श्रम का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों का सम्मान, सुविधा और कार्यकुशलता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री शाहिद मंजूर ने स्वागत सम्बोधन में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियों से जुड़े श्रमिकों का बड़ा हिस्सा असंगठित है। ऐसे श्रमिकों को योजनाओं का लाभ देने के लिए उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों का पंजीकरण किया जाता है। विभाग द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है। 
 
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रमुख सचिव श्रम शैलेश कृष्ण एवं श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद ने बताया कि श्रमिकों के कल्याण के लिए योजनाएं संचालित करने हेतु भवन निर्माण की लागत की एक प्रतिशत धनराशि सेस के रूप में वसूली जाती है। वर्तमान में 14 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं और सेस के माध्यम से लगभग 1400 करोड़ रुपए की धनराशि एकत्र की गई है। विभाग का प्रयास है कि पंजीकृत श्रमिकों की संख्या को बढ़ाकर 25 लाख किया जाए और सेस के माध्यम से प्रतिवर्ष 500 करोड़ रुपए संग्रहित कर अधिकाधिक श्रमिकों को योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाए।
 
इस अवसर पर राजेन्द्र चौधरी, कैलाश यादव, ब्रह्‌माशंकर त्रिपाठी, इकबाल महमूद, अभिषेक मिश्र सहित राज्य सरकार के अनेक मंत्री, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, श्रम आयुक्त सुश्री शालिनी प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, सूचना निदेशक डॉक्‍टर रुपेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व योजनाओं के लाभार्थीगण आदि मौजूद थे।