गुजरात में जबरन धर्म परिवर्तन पर होगी 10 साल की सजा, विधेयक को मिली मंजूरी
अहमदाबाद। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उस संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें धोखाधड़ी से या विवाह करके जबरन धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। यह जानकारी राज्य के एक मंत्री ने शनिवार को दी।
गुजरात राज्य के विधायी और संसदीय मामलों के मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने एक बयान में कहा कि गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को इस साल एक अप्रैल को राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। इस विधेयक को राज्यपाल ने सात अन्य विधेयकों के साथ मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही राज्यपाल ने उन सभी 15 विधेयकों को मंजूरी दे दी है, जिन्हें विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पारित किया गया था क्योंकि उन्होंने इससे पहले सात अन्य विधेयकों को भी मंजूरी दी थी। संशोधित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक के अनुसार, विवाह के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन या किसी व्यक्ति की शादी कराकर या किसी व्यक्ति को शादी करने में सहायता करने पर तीन से पांच साल की कैद और 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यदि पीड़ित नाबालिग, महिला, दलित या आदिवासी है, तो इसके लिए उल्लंघनकर्ता व्यक्ति को चार से सात साल का कारावास और कम से कम 3 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। यदि कोई संगठन कानून का उल्लंघन करता है, तो प्रभारी व्यक्ति को न्यूनतम तीन वर्ष कारावास और अधिकतम दस वर्ष कैद की सजा हो सकती है।
इस साल 14 फरवरी को वडोदरा में एक चुनावी रैली के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लाएगी। उन्होंने कहा था, हम विधानसभा में लव जिहाद के खिलाफ एक कानून लाने जा रहे हैं। लव जिहाद के नाम पर की जा रही इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...भाजपा सरकार आने वाले दिनों में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लाएगी।
गुजरात से पहले, भाजपा शासित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने भी विवाह के माध्यम से धोखे से धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए इसी तरह के कानून बनाए हैं।
राज्यपाल द्वारा अनुमोदित अन्य विधेयकों में गुजरात पेशेवर चिकित्सा शिक्षा कॉलेज या संस्थान (प्रवेश का विनियमन और शुल्क का निर्धारण) (संशोधन) विधेयक, गुजरात पंचायत (संशोधन) विधेयक, गुजरात अचल संपत्ति हस्तांतरण निषेध और अशांत क्षेत्रों में परिसर से किराएदारों के संरक्षण प्रावधान (संशोधन) विधेयक, गुजरात निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (संशोधन) विधेयक, गुजरात नैदानिक प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक और सीआरपीसी (गुजरात संशोधन) विधेयक शामिल हैं।(भाषा)