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Last Updated : मंगलवार, 18 मई 2021 (23:58 IST)

Cyclone Tauktae: गुजरात में 13 की मौत, 2 बजरों में मौजूद 317 लोगों को बचाया गया

Cyclone Tauktae | कमजोर हुआ चक्रवाती तूफान ताउते, गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश के बीच 7 की मौत
अहमदाबाद/मुंबई। गुजरात में चक्रवात 'ताउते' के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि तूफान की वजह से कई इलाकों में भारी बारिश तथा नुकसान की खबर है, वहीं भारतीय नौसेना व तटरक्षक बलों ने मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे 2 बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
 
कमजोर पड़ने से पहले सोमवार देर रात गुजरात में दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान के कारण राज्य को भारी बारिश का सामना करना पड़ा तथा इस दौरान चली तेज रफ्तार आंधी के कारण कई खंभे व पेड़ उखड़ गए तथा घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा।

 
मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर गंभीर चक्रवाती तूफान तथा बाद में और कमजोर होकर अब चक्रवाती तूफान में बदल गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।मीडिया को जानकारी देते हुए रुपाणी ने कहा कि चक्रवात के कारण मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 13 का है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह राज्य में आया अब तक का सबसे बुरा चक्रवात था। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली और कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया और इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक जलभराव हो गया।

 
नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि शहर में सुबह छह बजे से शाम चार बजे के बीच 75.69 मिलीमीटर बारिश हुई। अधिकारियों ने कहा कि ताउते की तीव्रता भले ही कमजोर हो गई हो लेकिन यह अपने पीछे विनाश के चिन्ह छोड़ गया जिसमें भावनगर,राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड समेत गुजरात के विभिन्न इलाकों में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई।
 
राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के एक अधिकारी ने चक्रवात की वजह से 3 मौत की पुष्टि की है जिनमें राजकोट, वलसाड और भावनगर में एक-एक व्यक्ति के मरने की बात कही गई है। पाटण ए-संभाग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात तेज हवाएं चलने से, घर में सो रही एक महिला पर बिजली का खंभा गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। एक स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि भावनगर के पलिताना तालुका के बादेली गांव में घर की दीवार गिरने से एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई।
 
पुलिस ने कहा कि एक अन्य घटना में अमरेली जिले के राजुला में सोमवार रात एक मकान की छत ढहने से एक लड़की की मौत हो गई। अहमदाबाद के साणंद में बिजली का खंभा गिरने के कारण करंट लगने से एक व्यक्ति तथा एक महिला की मौत हो गई। खेड़ा जिले के नाडियाड में भी करंट लगने से एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई।
 
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के वेरावल बंदरगाह के निकट चक्रवात के कारण समुद्र में फंसी मछली पकड़ने वाली नौका में सवार 8 मछुआरों को मंगलवार को तटरक्षक बल ने एक अभियान चलाकर सुरक्षित बचाया। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा तटरक्षक बल के 2 चेतक हेलीकॉप्टरों ने बेहद खराब मौसम के बीच (पड़ोसी महाराष्ट्र) के सतपति तट के निकट समुद्र में फंसे 'गल कंस्ट्रक्टर' जहाज के चालक दल के 8 सदस्यों को भी बचा लिया।
 
इसबीच एक अधिकारी ने बताया कि विपरीत मौसम से जूझते हुए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने ताउते के दस्तक देने से पहले मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे 2 बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन 390 और लोग अब भी अब भी फंसे हुए हैं या लापता बताए जा रहे हैं।
 
नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे 3 बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा 'गल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे।
 
अधिकारी ने कहा कि अब तक 'गल कन्स्ट्रक्टर' में मौजूद सभी 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 180 लोगों को बचा लिया गया है। उन्होंने कहा कि 'दमन के तटरक्षक वायु स्टेशन से संचालित 2 चेतक हेलीकॉप्टरों ने 'गल कन्स्ट्रक्टर' में मौजूद कर्मियों के बचाया। एक और चेतक हेलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में शामिल किया गया है।
 
नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई अपतटीय विकास क्षेत्र में मुंबई से 35 समुद्री मील की दूरी पर डूबे बजरे पी-305 के लिए तलाशी व राहत (एसएआर) अभियान में भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस कोलकाता और आईएनएस कोच्चि की मदद के लिए 3 और पोत आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा तथा आईएनएस तेग को शामिल किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि एक अन्य अभियान में नौसेना के सीकिंग हेलीकॉप्टर ने जीएल कंस्ट्रक्टर के चालक दल के लिए बचाव अभियान शुरू किया और चालक दल के 35 सदस्यों को बचाया। उन्होंने कहा कि 3 पोतों (सपोर्ट स्टेशन) 3, ग्रेट शिप अदिति और ड्रिल शिप सागर भूषण के लिए गुजरात के तट पर तलाश एवं राहत अभियान प्रगति पर है जो गुजरात तट (पीपावाह) से 15-20 समुद्री मील की दूरी पर दक्षिण-पूर्व में हैं।

नौसेना द्वारा दी गई तस्वीरों में दिख रहा है कि आईएनएस कोलकाता बजरा पी 305 से रात में 2 लोगों को ले रहा है। नौसेना ने मंगलवार को कहा कि बजरा डूब गया है। टीवी पर प्रसारित दृश्यों में दिख रहा है कि एक रिग सरीखा पोत डूबता रहा है जिस पर मौजूद कर्मियों को बचाया जा रहा है। इसकी नौसेना के अधिकारियों ने पोत की पहचान की पुष्टि नहीं की।  तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने सोमवार को कहा था कि 'पी305' बजरा चक्रवाती तूफान 'ताउते' की वजह से लंगर से खिसक गया था अनियंत्रित होकर समुद्र में बह गया था। यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है।
 
मुंबई में 29 लोगों को बचाया : मुंबई पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने अरब सागर में चक्रवात ताउते के कारण बहीं 3 नौकाओं पर सवार कम से कम 29 लोगों को मंगलवार को यहां आंग्रे जेटी के निकट बचा लिया।  अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण मछलियां पकड़ने की 2 नौकाओं समेत 3 नौकाएं समुद्र में बह गई थीं।
 
एक अधिकारी ने बताया कि एमवी सरस्वती और एमवी काजल पर 22 लोग सवार थे। ए नौकाएं मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) के निकट बह गई थी। उन्होंने बताया कि एमवी सरस्वती केंद्र सरकार की एक जहाजरानी सर्वेक्षण नौका है।  अधिकारी ने बताया कि दोनों नौकाओं पर 11-11 लोग सवार थे और सीआईएसएफ, एमडीएल और पुलिस अधिकारी उन्हें किनारे पर सुरक्षित लेकर आए। उन्होंने बताया कि एक अन्य पोत एमवी प्रीतिसागर पर सवार सात लोगों को मंगलवार को अपराह्न करीब साढ़े 3 बजे उस समय बचा लिया गया, जब नौका डूबने ही वाली थी। (भाषा)