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Last Modified: चंडीगढ़ , बुधवार, 18 दिसंबर 2024 (18:58 IST)

पंजाब में किसानों का रेल रोको प्रदर्शन, रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान, ट्रेन सेवाएं प्रभावित

पंजाब में किसानों का रेल रोको प्रदर्शन, रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान, ट्रेन सेवाएं प्रभावित - Farmers in Punjab staged 3 hour Rail Roko Andolan
Farmer Protest News : फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को किसानों के रेलमार्गों पर बैठ जाने के कारण पंजाब में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं। ‘रेल रोको’ आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कई स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठे रहे। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है।  
 
गुरदासपुर के मोगा, फरीदकोट, कादियां और बटाला; जालंधर में फिल्लौर; होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर; फिरोजपुर में मक्खू, तलवंडी भाई; लुधियाना में साहनेवाल; पटियाला में शंभू; मोहाली, संगरूर के सुनाम और लहरा, बठिंडा के रामपुरा फूल और अमृतसर के देवीदासपुरा समेत कई स्थानों पर प्रदशनकारी किसानों ने ट्रेन मार्गों को बाधित किया।
जम्मू से सियालदह जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस, अमृतसर से मुंबई जाने वाली दादर एक्सप्रेस और नई दिल्ली से अमृतसर जाने वाली शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस को लुधियाना रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मों पर रोक दिया गया। नई दिल्ली से अमृतसर आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को खन्ना रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, हम सरकार से एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षाबलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था। पिछले तीन हफ्तों से पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
इससे पहले 101 किसानों के एक ‘जत्थे’ (समूह) ने छह दिसंबर, आठ दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने की तीन कोशिशें की थीं। हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की मांग कर रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour