• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Eknath Shinde fears losing political ground, Shiv Sena targets Mahayuti government on Marathi
Last Updated : मंगलवार, 8 जुलाई 2025 (13:47 IST)

एकनाथ शिंदे को सियासी जमीन खिसकने का डर, मराठी पर शिवसेना ने साधा महायुति सरकार पर निशाना

Eknath Shinde fears losing political ground
Eknath Shinde fears losing political ground: मराठी भाषा को लेकर ठाकरे बंधुओं (उद्धव और राज ठाकरे) की एकजुटता ने शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और वर्तमान डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की चिंता बढ़ा दी है। उन्हें अब अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने का डर सता रहा है। दरअसल, फडणवीस सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता प्रताप सरनाइक ने परोक्ष रूप से महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि आखिर मराठी लोगों को मार्च निकालने की परमीशन क्यों नहीं है, आखिर पुलिस की मंशा क्या है? 
 
मनसे कार्यकर्ताओं पर सख्ती का विरोध : एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता और फडणवीस सरकार में मंत्री प्रताप सरनाइक ने अपनी विरोधी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्वाण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की सख्ती का विरोध किया है। दरअसल, मनसे के कार्यकर्ता विरोध मार्च निकाल रहे थे। इसी दौरान मीरा भायंदर पुलिस ने मनसे के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। साथ ही उनके मार्च पर भी रोक लगा दी। पुलिस की कार्रवाई पर मनसे और शिवसेना यूबीटी भी भड़क गए। उनका कहना था कि सरकार कारोबारियों के विरोध प्रदर्शन पर तो रोक नहीं लगा पाई, लेकिन हमारे खिलाफ सख्ती दिखाई जा रही है। 
 
क्यों डर रही है शिंदे की शिवसेना : मनसे कार्यकर्ताओं ने सरकार पर निशाने साधते हुए कहा कि राज्य सरकार महाराष्ट्र और मराठी लोगों लिए है या दूसरे राज्यों के लिए। ऐसे में शिंदे की शिवसेना को भी मराठी वोठ खिसकने का डर सताने लगा है क्योंकि उसका भी कोर वोटर मराठी भाषी लोग हैं। प्रताप सरनाइक के बयान को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मराठी लोगों पर एक्शन की निंदा करता हूं। पुलिस को मार्च की स्वीकृति देनी चाहिए थी। 
 
हम एकजुट हैं : उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिवसेना यूबीटी और राज ठाकरे की मनसे ने एकजुट होकर मराठी भाषा के समर्थन में रैली की थी। इस अवसर पर उद्धव कहा था कि हिंदू और हिंदुस्तान तो हमें मान्य है, लेकिन हिंदी को अनिवार्य रूप से थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा- जब मैं सीएम था तो मैंने मराठी को अनिवार्य बनाया था और मुझे इस पर गर्व है। हालांकि कुछ लोग इसके खिलाफ कोर्ट चले गए थे। उद्धव ने कहा कि मैं और राज एक साथ आए हैं, आगे भी साथ रहेंगे। हमारी लड़ाई महाराष्ट्र के लिए है। उन्होंने कहा कि आज हम एकजुट हैं। महाराष्ट्र को तोड़ने की सोचने वाले ये समझ लें।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
ये भी पढ़ें
AI की मदद से जेन स्ट्रीट ने बुना जाल, मार्केट मेनुपुलेशन से कमाए 36,000 करोड़, सेबी ने कैसे पकड़ी चालबाजी?