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Last Updated : मंगलवार, 8 जुलाई 2025 (14:29 IST)

AI की मदद से जेन स्ट्रीट ने बुना जाल, मार्केट मेनुपुलेशन से कमाए 36,000 करोड़, सेबी ने कैसे पकड़ी चालबाजी?

jane street banned by sebi
Jane Street market manipulation: दुनिया की बड़ी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप पर आरोप है कि उसने शेयर बाजार में हेरफेर करके गलत तरीके से 36,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया। बहरहाल सेबी ने पिछले सप्ताह जेन स्ट्रीट पर हेराफेरी के जरिये  वायदा एवं विकल्प सौदों से अर्जित 4,800 करोड़ रुपए से अधिक राशि को जब्त करने और उसकी बाजार पहुंच रोकने का आदेश जारी किया था। सेबी ने कुछ महीने पहले अपने एक अध्ययन में पाया था कि खुदरा निवेशकों के 90 प्रतिशत से अधिक सौदे उनके लिए नुकसानदेह साबित हुए।
 
क्या है जेन स्ट्रीट : जेन स्ट्रीट इक्विटी, बॉन्ड और ऑप्शंस मार्केट में एक बहुत बड़ा नाम है। वर्ष 2000 में न्यूयॉर्क में शुरू हुई यह कंपनी फिलहाल 45 देशों में काम कर रही है। यह अपने क्लाइंट्स के लिए अत्याधुनिक तरीके से डाटा विश्लेषण का काम करती है। बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक इस कंपनी के माध्यम से भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में निवेश करते हैं।
 
जेन स्ट्रीट ने किस तरह लगाया भारतीय शेयर बाजार को चूना : जेन स्ट्रीट मामले पर प्रकाश डालते हुए बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने बताया कि सेबी ने अपनी जांच में पाया कि 2023 से यह गलत प्रैक्टिस के साथ भारतीय शेयर बाजार को मेनिपुलेट कर रहे थे। यह तेजी से शॉर्ट टर्म प्रॉफिट कमाना चाहते थे। इसके लिए इन्होंने सेबी के लूह पोल्स (कमजोरियां) का फायदा उठाया। बाजार में पहले वीकली एक्सपायरी होती थी। वीकली एक्सपायरी के दिन यह लोग बाजार में बल्क परचेसिंग करते थे। जैसे बैंक निफ्टी को इन्होंने लिया तो उसे चलाने वाले एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एसबीआई के शेयरों को बल्क में ले लेते थे।
 
इसके लिए इन्होंने एक ऐसा एआई बेस्ड सॉफ्टवेअर तैयार कराया था जो विद इन ए सेकंड हजारों लाखों ट्रेड कर सकता था। इस सॉफ्टवेअर को स्पेशली भारतीय शेयर बाजार के लिए डिजाइन कराया गया था। एल्गो ट्रेड का यह सॉफ्टवेअर फुल्ली ऑटोमेटिक था। इस सॉफ्टवेअर की मदद से आर्टिफिशियल बॉइंग डेवलप की गई। इनके पूल अकाउंट में निवेशकों का काफी पैसा था।

बागौरा के अनुसार, सॉफ्टवेअर की मदद से जेन स्ट्रीट बाइंग क्रिएट करती थी। अब जैसे इन्होंने बैंक निफ्टी के शेयरों में बाइंग क्रिएट की। इससे यह 500 से 600 पाइंट ऊपर चली गई। एक्सपायरी के आखिरी दिन कॉल और पुट की प्रीमियम काफी कम हो जाती है। जब बैंक निफ्टी 500 से 600 पाइंट ऊपर चला जाता था तो कॉल की प्रीमियम एकदम बढ़ जाती है। मतलब 20 रुपए वाला कॉल 100 रुपए हो जाता था। ये 100 रुपए वाला कॉल बेच देते थे। जब भरपूर शॉटिंग हो जाती तो उसके बाद बैंक निफ्टी ऊपर चला जाता तो पुट की प्रीमियम और कम हो जाती थी। 20 रुपए वाला पुट हो जाता था 1 रुपए, 2  रुपए, 5 रुपए या 10 रुपए। यह उस पुट को बाय कर लेते थे। ऊपर कॉल बेचकर आए और नीचे में पुट को खरीद लिया। जब दोनों काम हो जाते थे तो फिजिकल में इन्होंने जो बाय किया था उसे डंप कर देते। विथ इन ए मिनट हजारों लाखों शेयर डंप कर दिए जाते। इससे बैंक निफ्टी फिर टूटकर नीचे गिर जाता। इस समय कॉल की प्रीमियम नीचे आ जाती, जो माल उन्होंने ऊपर 100 रुपए में बेचा नीचे उन्हें 2-3 रुपए में वापस मिल जाता। इनको कॉल में पूरा फायदा मिला, पुट में भी उन्हें काफी प्रॉफिट होता था। इनको स्टॉक और फ्यूचर में थोड़ा लॉस होता था। इनकों इस तरह 1 दिन में 36 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ऑप्शंस में इनको 750 करोड़ का मुनाफा हुआ। इस तरह बाजार से इन्होंने 36 हजार करोड़ रुपए निकाला।
 
सेबी ने कैसे पकड़ा  : बागौरा के अनुसार, जब सेबी ने देखा कि कुछ गलत चल रहा है। ऑप्शंस की ट्रेडिंग में एकदम से सेलिंग आ रही है, जब उन्होंने इसकी तलाश की तो उनको पता चला कि एक कंपनी है जो एकदम से बहुत बड़ी पोजिशन बनाती है और एक साथ इन्हें छोड़ती है। जब मामले की गहन जांच की गई तो सॉफ्टवेअर का पता चला। इसके बाद जेन स्ट्रीट की जांच की  गई। इसमें पाया गया कि यह अनधिकृत गलत प्रेक्टिस कर रहे हैं। इससे आम निवेशकों को पता ही नहीं चल रहा है कि क्या हो रहा है। आम निवेशक ने जो कॉल पुट खरीदी थी इन्होंने उसकी प्रीमियम पूरी तरह गला दी। यह पूरा पैसा ये ले गए। इस वजह से सेबी ने इन्हें बैन किया। इस तरह की प्रैक्टिस की वजह से ही एक्सपायरी में भी बड़े बदलाव किए गए।
 
क्या बोले राहुल गांधी : नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, मैंने 2024 में साफ कहा था - F&O बाजार 'बड़े खिलाड़ियों' का खेल बन चुका है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। अब सेबी खुद मान रहा है कि जेन ने हज़ारों करोड़ की manipulation की। सेबी इतने समय तक चुप क्यों रही? मोदी सरकार किसके इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी? और कितने बड़े शार्क अब भी रिटेल इन्वेस्टर्स को शॉर्ट कर रहे हैं? हर मामले में साफ दिख रहा है - मोदी सरकार अमीरों को और अमीर बना रही है, और आम निवेशकों को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया है।
क्या बोले सेबी प्रमुख : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि बाजार नियामक को विदेशी हेज कोष जेन स्ट्रीट की तरफ से की गई हेराफेरी के जैसे दूसरे जोखिम नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक अपनी निगरानी प्रणाली को उन्नत करने पर विचार कर रहा है। डेरिवेटिव बाजार में खुदरा निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक जो भी कदम उठाएगा, वह केवल आंकड़ों पर आधारित होगा।
 
जेन स्ट्रीट पर क्या होगा असर : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने जेन स्ट्रीट का 4,843.57 करोड़ रुपए का गैरकानूनी मुनाफा जब्त करने का आदेश दिया है। यह रकम सेबी के नाम पर एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करनी होगी। एस्क्रो अकाउंट में पैसा जमा नहीं होने तक कंपनी भारत में अपनी कोई भी संपत्ति नहीं बेच सकती है। वह अब भारतीय शेयर बाजार में न तो प्रत्यक्ष और न ही अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज खरीद या बेच सकती है। कंपनी के सभी बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट और कस्टोडियल अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं। जेन स्ट्रीट को सेबी के आदेश के खिलाफ 21 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार है। कंपनी व्यक्तिगत सुनवाई के लिए भी अनुरोध कर सकती है।
 
सेबी ने अभी तक बैंक निफ्टी के प्रथम दृष्टया 18 दिनों और निफ्टी सूचकांक में ‘एक्सपायरी’ के दिनों में तीन दिनों की हेरफेर की ही जांच की है। सेबी की जेन स्ट्रीट मामले में जांच अंतरिम आदेश के बाद भी जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि जांच अब अन्य एक्सपायरी दिनों, अन्य बाजारों पर सौदे सहित अन्य सूचकांकों और अन्य संभावित रुझानों पर केंद्रित होगी।
आम निवेशकों पर असर : बागौरा ने बताया कि वो बाजार से 36 हजार करोड़ रुपए ले गए। सेबी ने सिर्फ 4800 करोड़ का जुर्माना लगाया। 36 हजार करोड़ का आंकडा और भी बड़ा हो सकता है पर कम नहीं हो सकता। जो पैसा चला गया है वो वापस तो आने से रहा। जेन स्ट्रीट की और भी कंपनियां बाजार में हो सकती है। इनकी भी जांच होनी चाहिए। सेबी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में बाजार में इस तरह की अनधिकृत गतिविधियां नहीं हो। NSE, BSE की जिम्मेदारियों को भी बढ़ाया जाना चाहिए। इन्हें यह देखना चाहिए अगर उनके एक्सचेंज में इस तरह के सौदे आ रहे हैं तो सेबी को इनफॉर्म किया जाना चाहिए। कई ब्रोकर्स को भी इस मामले में काफी नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर इस मामले में आम निवेशक ही ठगी का शिकार हुआ हुआ है।
edited by : Nrapendra Gupta
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