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Written By एन. पांडेय
Last Updated : मंगलवार, 3 जनवरी 2023 (11:48 IST)

Haldwani: अतिक्रमण हटाने के लिए RPF के साथ पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती

Haldwani: अतिक्रमण हटाने के लिए RPF के साथ पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती - Deployment of paramilitary force along with RPF to remove encroachment in Haldwani
देहरादून। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे की भूमि से अतिक्रमणकारियों को 10 जनवरी तक हटाए जाने की कार्रवाई का प्लान जिला प्रशासन बना रहा है। हालांकि प्रभावितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और इसमें 5 जनवरी की तिथि सुनवाई की तय हुई है। तथापि जिला प्रशासन के मुताबिक अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए सबसे पहले उनके घरों के विद्युत और पेयजल के कनेक्शन काटे जाएंगे।
 
पुलिस और प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती : नैनीताल जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ की 6 कंपनियां इस काम में पुलिस के सहयोग के लिए मांगी हैं। इन कंपनियों के रहने का इंतजाम जिला प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में किया है। कार्रवाई के दौरान शांति व्यवस्था बरकरार रखना पुलिस और प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती बन सकता है। इस कारण लगातार बैठक कर रणनीति बनाई जा रही है।
 
आरएएफ की 9 और आरपीएफ की 10 कंपनियां होंगी तैनात : पुलिस प्रशासन के मुताबिक 9 कंपनियां रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) भी सुरक्षा के लिहाज से हल्द्वानी पहुचेंगी। इसके अलावा रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) की 10 कंपनियां आनी हैं। राज्य सरकार ने पुलिस फोर्स की मंजूरी पहले ही दे दी थी जबकि रेलवे पुलिस की 5 अतिरिक्त कंपनियों के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गई थी।
 
केंद्र की सहमति के बाद रेलवे ने भी 5 कंपनियों को बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। अब पीएसी और आईआरबी की 8 कंपनियों के अलावा सीपीएमएफ पुरुष की 6, सीपीएमएफ महिला 3, आरपीएफ पुरुष 6, आरपीएफ महिला की 4 कंपनियां हल्द्वानी पहुंचेंगी।
 
रेलवे कोचों में रहेगा पुलिस बल के रहने का इंतजाम : रेलवे पुलिस बल के रहने का इंतजाम रेलवे कोचों में ही करने की तैयारी रेलवे ने की है। रेलवे की तरफ से विभिन्न समाचार पत्रों में अतिक्रमण खाली करने के नोटिस छपवा दिए गए हैं। अब कड़कड़ाती ठंड में बेघर होने से डरे-सहमे लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन छिन गया है। ये लोग कह रहे हैं कि दशकों से वे यहां रह रहे हैं और उनके मां-बाप और दादा-दादी वहीं खाक हुए, वे आखिर जाएं तो जाएं कहां?
 
Edited by: Ravindra Gupta