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Last Updated : शनिवार, 25 जुलाई 2020 (02:45 IST)

Rajasthan Crisis : कांग्रेस विधायकों का राजभवन में धरना खत्म, मुख्यमंत्री की कैबिनेट बैठक में मंथन

Rajasthan Crisis : कांग्रेस विधायकों का राजभवन में धरना खत्म, मुख्यमंत्री की कैबिनेट बैठक में मंथन - Congress MLAs strike in Rajasthan ends
जयपुर। सचिन पायलट को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद राजस्थान (Rajasthan) में राजनैतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। शुक्रवार देर शाम कांग्रेस उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन पर अपना धरना समाप्त कर दिया है क्योंकि राज्यपाल कलराज मिश्र ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस विधायकों को विधानसभा का सत्र बुलाने का आश्वासन दे दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट की बैठक चल रही है, जिसमें राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर मंथन देर रात तक जारी था।

राज्यपाल ने कहा- संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं : देर रात राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है तथा किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
 
मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 23 जुलाई को रात में विधानसभा के सत्र को अत्यन्त ही अल्प नोटिस के साथ आहूत किए जाने की पत्रावली पेश की गई। पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन द्वारा परीक्षण किया गया तथा विधि विषेशज्ञों द्वारा परामर्श प्राप्त किया गया।
 
उन्होंने कहा कि विधि विशेषज्ञों के परामर्श के बाद राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग को राजभवन द्वारा कुछ बिन्दुओं के आधार पर स्थिति प्रस्तुत करने के लिए पत्रावली प्रेषित की गई है। इसके तहत विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और न ही केबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है।
 
अल्प सूचना पर सत्र बुलाये जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और ना ही कोई एजेण्डा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है।
 
 
इससे पहले राजभवन में धरना समाप्त करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, लिहाजा कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल को बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी आज रात ही दे दी जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि राज्यपाल संविधान की अनुपालना करेंगे। वह संविधान की धारा 174 के तहत मंत्रिमंडल की सिफारिश मानने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर बहुमत की सरकार को विधायकों की खरीद फरोख्त करके गिराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया।
राजस्थान में उल्टी गंगा बह रही है : इससे राजभवन में धरना शुरू किए जाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में उल्टी गंगा बह रही है, जहां सत्ता पक्ष खुद विधानसभा का सत्र बुलाना चाहता है और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि हम तो इसकी मांग नहीं कर रहे। गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी।

गहलोत ने राजभवन के बाहर कहा, ‘हमारी कैबिनेट ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया। पहल हमने की। उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए। यही परंपरा रही है लोकतंत्र की। यहां उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे और अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। कोरोना वायरस और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे आग्रह किया। मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वह इस फैसले को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्य कैबिनेट का जो फैसला होता है राज्यपाल उससे बंधे होते हैं।’

 
गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है।’
 
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कलराज मिश्र जिनका अपना एक व्यक्तित्व है और जिनका दिल्ली में भी पक्ष-विपक्ष सम्मान करता रहा है, वह दबाव में नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने संवैधानिक पद की शपथ ली है।’
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