मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Clouds burst in Chamoli's Pangti village, rain and debris wreaked havoc
Last Modified: सोमवार, 20 सितम्बर 2021 (18:20 IST)

चमोली के पंगती गांव में बादल फटे, बारिश और मलबे ने मचाई तबाही

चमोली के पंगती गांव में बादल फटे, बारिश और मलबे ने मचाई तबाही - Clouds burst in Chamoli's Pangti village, rain and debris wreaked havoc
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगढ़ ब्लॉक के पंगती गांव में सुबह तड़के बादल फटने के बाद चारों तरफ बर्बादी का मंजर देखने को मिला। बादल फटने के बाद पहाड़ी से आया मलबा बारिश के पानी से नाले में रौद्र रूप लेकर बीआरओ मजदूरों के आशियानों की तरफ कहर बनकर टूटा। इससे बीआरओ में काम करने वाले मजदूरों की झोपड़ियों को खासा नुकसान हुआ है, साथ ही एक दर्जन से अधिक वाहन मलबे में दबे हैं।

बताया जा रहा है कि यहां आज सुबह करीब साढ़े 5 बजे बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए मलबे और बारिश ने गांव में भारी तबाही मचाई। इस घटना में बीआरओ मजदूरों के घरों और झोपड़ियों को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही कई वाहन मलबे की चपेट में आ गए हैं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।जनहानि की अभी तक कोई सूचना नहीं है।

प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से हिमालयी राज्य उत्तराखंड हमेशा से काफी संवेदनशील रहा है। भारी बारिश के कारण यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त होता रहता है। कई संपर्क मार्गों पर लगातार मानसून शुरू होने के बाद से ही भूस्खलन हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही श्रीनगर गढ़वाल में सिरोबगढ़ के पास बादल फटने से बड़ी तबाही मची थी। इस दौरान बद्रीनाथ हाईवे पर भारी लैंडस्लाइड भी हुआ था, जिसकी चपेट में तीन वाहन आ गए थे।

इससे पूर्व इस साल के शुरू में ही 7 फरवरी 2021 को तपोवन में आई भीषण आपदा के बाद रैणी गांव के पास स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के ध्वस्त होने से मलबे में कई लोग जिंदा दफन हो गए थे। यहां तक कि भारत- चीन सीमा को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रैणी पुल भी सैलाब में बह गया था। इतना ही नहीं ऋषिगंगा का सैलाब धौलीगंगा में मिलने के बाद भीषण जलप्रलय से पूरी तपोवन स्थित एनटीपीसी की परियोजना को नुकसान पहुंचाया था। इस आपदा में आज भी कई लोगों का पता नहीं चल पाया है।

प्रदेश में 25 सितंबर तक बारिश का अलर्ट : उत्तराखंड के चारधाम जिन जिलों में अवस्थित हैं उनमें मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। विभाग ने इन दिनों जोर पकड़ रही चारधाम यात्रा के यात्रियों के लिए हिदायत दी है कि वे संभलकर इन धामों की यात्रा में जाएं।

उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों, चारधाम क्षेत्र, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी इलाके में हल्की बर्फबारी मौसम को सर्द बना सकती है।यात्रियों को मार्ग की बाधाओं के अलावा मौसम की दुश्वारियों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऊंची पहाड़ियों और चारधाम क्षेत्र में हल्की बर्फबारी की वजह से मौसम ठंडा भी हो सकता है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले हफ्ते में लगभग हर दिन बारिश के आसार हैं। उत्तराखंड में इस बार मानसून ने सभी जिलों में दुश्वारियां पैदा की हैं। फिलहाल अभी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 20 से 25 सितंबर के बीच हर रोज प्रदेश में बारिश हो सकती है।

अगले 24 घंटे में देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ आदि में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ भारी बारिश के आसार बन सकते हैं। इसको लेकर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में एक या दो दौर की भारी बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद देहरादून जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्थिति पर पैनी नजर रखने और अपने-अपने क्षेत्रों में उपस्थित रहने की हिदायत दी है। उन्होंने आपदा की खबर मिलने पर तत्काल राहत कार्रवाई करने को कहा है।
ये भी पढ़ें
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन