गांधीनगर। गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से आज जारी किए गए एक प्रस्ताव के अनुसार राज्य में स्थित सभी बोर्ड के स्कूलों की कक्षा 6 से लेकर 8 तक की कक्षाओं में पढ़ाई 18 फरवरी से पुनः शुरू होंगी।
शिक्षा सचिव विनोद राव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 6ठी से आठवीं की कक्षाओं में भौतिक रूप से शैक्षणिक कार्य शुरू करने के साथ ही ऐसे स्कूलों को कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण नियंत्रण के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों तथा राज्य शिक्षा विभाग की 8 जनवरी, 2021 को जारी मार्गदर्शिका का सख्ती से पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि सभी जिला शिक्षाधिकारियों तथा प्राथमिक शिक्षाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्कूलों में सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनिवार्य रूप से पालन हो।
शिक्षा सचिव ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के गहन प्रयासों के चलते अब कोरोना संक्रमण काफी हद तक घट चुका है और ऐसे में विद्यार्थियों के दीर्घकालिक शैक्षणिक हित को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक स्कूलों में कक्षा 6ठी से 8वीं तक की कक्षाओं को पुनः शुरू करने का राज्य सरकार ने निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि ऑफलाइन यानी प्रत्यक्ष शैक्षणिक कार्य में विद्यार्थियों की हाजिरी स्वैच्छिक रहेगी तथा शिक्षण संस्थाओं को विद्यार्थियों के अभिभावकों से नियत सहमति पत्र प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी कक्षा में होने वाली पढ़ाई में शामिल नहीं होते हैं, उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की वर्तमान व्यवस्था को संबंधित संस्थान-स्कूलों को जारी रखना होगा।
छत्तीसगढ़ में 15 फरवरी से शुरू होंगी कक्षाएं : छत्तीसगढ़ में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं 15 फरवरी से शुरू करने का आदेश जारी हो गया है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा आज इस बारे में लिए गए निर्णय के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।
आदेश के अनुसार राज्य के सभी स्कूलों कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की कक्षाएं 15 फरवरी से प्रारंभ करने की अनुमति इस शर्त पर प्रदान की जाती है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संक्रमण से बचाव के संबंध में समय-समय पर जारी किए गए सभी निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
आदेश के अनुसार यदि किसी विद्यार्थी को सर्दी, जुकाम, बुखार अथवा कोरोना के अन्य लक्षण दिखाई दें तो ऐसे विद्यार्थी को कक्षा में बैठने नहीं दिया जाए और तत्काल कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाए।
पश्चिम बंगाल में खुले स्कूल : पश्चिम बंगाल में नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए 11 महीने के अंतराल के बाद शुक्रवार को स्कूल फिर से खुले। स्कूल अधिकारियों से कोरोनावायरस प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। कोरोनावायरस महामारी की शुरूआत के बाद पिछले साल मार्च में प्रदेश के सभी शैक्षिक संस्थान बंद कर दिए गए थे।
अधिकतर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अच्छी रही, हालांकि लोकल ट्रेन से स्कूल आने वाले छात्र-छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि वाम मोर्चा ने प्रदेश में 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।प्रशासन ने स्कूल अधिकारियों से कहा है कि वह कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
प्रदेश में कई स्कूल केवल 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए खुले, जबकि कुछ ने सभी चारों कक्षाओं में अध्यापन शुरू किया। दसवीं एवं 12वीं कक्षा के लिए खुलने वाले स्कूलों में दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग दिन कक्षाएं आयोजित होंगी।
प्रदेश सरकार के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया, आज से कक्षा नौ से 12 के छात्र अब स्कूल में अध्ययन करेंगे। सरकार ने स्कूल प्राधिकरण से कोविड-19 दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। मैं सभी छात्रों एवं शिक्षकों को इस मौके पर बधाई देना चाहता हूं। हम सबको सावधान रहना है।
छात्रों में भी स्कूल में जा कर अध्ययन करने का उत्साह एवं जोश दिखा। दसवीं कक्षा के एक छात्र ने बताया, हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे। हालांकि स्थिति अभी भी कोविड से पहले वाले समय की तरह सामान्य नहीं है लेकिन हम इस बात से खुश हैं कि हमारे दोस्तों एवं शिक्षकों से हमारी मुलाकात होगी।
दूसरी ओर, कुछ छात्रों ने कहा कि रेलों के बाधित होने से वे अपने स्कूल पहुंचने में विफल रहे। दूसरी ओर कुछ अभिभावकों ने ऑनलाइन परीक्षाओं की मांग करते हुए एक निजी शिक्षण संस्थान के सामने प्रदर्शन किया।(वार्ता)