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Last Modified: गुरुवार, 4 मई 2023 (17:56 IST)

Karnataka Elections : उम्मीदवार जिलाबदर, पत्नी और बेटी ने संभाली चुनाव की कमान

Congress
karnataka Assembly Elections : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां जोरशोर से प्रचार में जुटी हैं। धारवाड़ सीट पर भी प्रचार हो रहा है लेकिन यहां नजारा कुछ अलग है। यहां कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं विनय कुलकर्णी, लेकिन जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं होने के कारण उनकी पत्नी और बेटी ने प्रचार की कमान संभाल रखी है।

कुलकर्णी पर जिला पंचायत के सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या का आरोप है और फिलहाल वह जमानत पर हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, कुलकर्णी धारवाड़ जिले में प्रवेश नहीं कर सकते। हालांकि चुनाव का हवाला देते हुए कुलकर्णी ने राहत मांगने का प्रयास किया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी अर्जी हाल में खारिज कर दी।

वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर डेरा डाले हुए हैं तथा वहां से सोशल मीडिया के जरिए अपने परिवार को प्रचार में सहयोग कर रहे हैं। राज्य में खान एवं भूविज्ञान मंत्री रह चुके कुलकर्णी इस सीट से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। पहली बार 2004 में निर्दलीय के रूप में और 2013 में कांग्रेस के टिकट पर।

कुलकर्णी की पत्नी शिवलीला ने कहा, तीन वर्ष से मेरे पति विधानसभा क्षेत्र से बाहर हैं। कानूनी मामले के चलते जब मित्रों और रिश्तेदारों का साथ नहीं मिला तो मैंने खुद प्रचार की कमान संभालने का निर्णय किया।

पिछले चुनावों में कुलकर्णी की पत्नी सक्रिय नहीं थीं, लेकिन अब पूरे परिवार ने मिलकर कमान संभाल ली है। शिवलीला घर-घर जाकर प्रचार कर रहीं हैं और रैलियां भी कर रही हैं। उन्होंने अपने पति की जीत का भरोसा जताया है।

उन्होंने कहा, मैं अधिक से अधिक संख्या में लोगों से खुद मिलने और उन्हें हमारी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए समझाने की कोशिश कर रही हूं। अब तक तो लोगों की प्रतिक्रिया अच्छी रही है। शिवलीला ने कभी न तो किसी सभा को संबोधित किया और न ही पार्टी में कोई पद उन्हें मिला। लेकिन अब वह कमर कस कर पति के चुनाव प्रचार में जुटी हैं।

प्रचार कर रही कुलकर्णी की बेटी वैशाली (25) कहती हैं, मुझे दबाव महसूस होता है क्योंकि पिताजी विधानसभा क्षेत्र से दूर हैं इसलिए सबकी निगाहें हम पर हैं। चुनाव में परिवार की मदद करने के लिए वैशाली को एलएलबी की वर्तमान सैमेस्टर की परीक्षाएं छोड़नी पड़ी हैं।

उनका छोटा भाई भी प्रचार में लगा हुआ है। दोनों भाई-बहन एलईडी वाहनों का मार्ग तय करते हैं, सोशल मीडिया के जरिए अपने पिता से लोगों का सीधा संवाद कराते हैं और पर्चे तथा बैनर आदि प्रचार सामग्री के वितरण का प्रबंधन संभालते हैं।

वैशाली कहती हैं, मेरे पिता तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हैं लेकिन उन्होंने अब वीडियो कॉल करना और व्हाट्सऐप पर लोकेशन भेजना सीख लिया है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग अपनी परेशानियों के सिलसिले में, निर्वाचन क्षेत्र के बाहर रह रहे उनके पिता से मिलने चले जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अभी तक कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता यहां प्रचार के लिए नहीं आया है। हम खुद ही प्रचार कर रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र के बाहर से ही प्रचार में लगे कांग्रेस उम्मीदवार कुलकर्णी ने पत्नी और बच्चों के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की, साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर प्रचार में अड़चने डालने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि वह सत्ता विरोधी लहर तथा लिंगायत समुदाय के वोटों से चुनाव जरूर जीतेंगे। चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वर्तमान विधायक अमृत देसाई से है। गौरतलब है कि धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र में 2.17 लाख मतदाता हैं और यह लिंगायत बहुल क्षेत्र है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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