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Last Modified: सोमवार, 9 नवंबर 2020 (02:16 IST)

दरभंगा एयरपोर्ट से ‘उड़ा देश का आम नागरिक’, 57 साल बाद लोगों का सपना हुआ साकार

दरभंगा एयरपोर्ट से ‘उड़ा देश का आम नागरिक’, 57 साल बाद लोगों का सपना हुआ साकार - Aviation started from Darbhanga Airport for the first time
पटना। बिहार में कभी खास लोगों की हवाई सवारी के लिए उपलब्ध दरभंगा हवाईअड्डे (Darbhanga Airport) से रविवार को 57 साल बाद ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) का सपना पूरा करने के लिए विमानों ने उड़ान भरी।
 
कभी दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह की हवाई यात्रा के लिए बनाए गए दरभंगा हवाइअड्डे पर रविवार को बेंगलुरु से यात्रियों को लेकर स्पाइसजेट के एक विमान ने 11:21 बजे पूर्वाह्न को रनवे पर लैंड किया, जिसका स्वागत वाटर कैनन के फव्वारों से किया गया। इसी विमान ने दरभंगा से दिल्ली के लिए दोपहर 12:35 बजे उड़ान भरी। यहां से बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई के लिए विमान सेवा शुरू हुई है। इस हवाईअड्डे की शुरुआत से उत्तर बिहार के 22 जिले के लोगों को लाभ होगा।
 
क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत छोटे शहरों को हवाई रूट से जोड़ने के लिए अक्टूबर 2016 में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) की शुरुआत की गई। इसके तहत दरभंगा हवाइअड्डा को फिर से शुरू करने के काम शुरू किया गया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस वर्ष 12 सितंबर को हवाईअड्डे के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद नवंबर के पहले सप्ताह से यहां से उड़ान सेवा शुरू करने की घोषणा की थी।
 
पुरी की इस घोषणा के तहत रविवार को दरभंगा हवाईअड्डा से विमानों का परिचालन शुरू हो गया। इस हवाईअड्डा पर बेंगलुरु से यात्रियों को लेकर आने वाला पहला विमान 11.05 बजे लैंड हुआ। इसी विमान ने 11:45 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरी। फिर दिल्ली से अपराह्न 2:20 बजे रवाना होकर यह विमान अपराह्न चार बजे दरभंगा पहुंचर। दरभंगा से 4:30 बजे यह बेंगलुरु के लिए रवाना हुआ। एक विमान मुंबई से 12.10 बजे उड़ान भरकर 2.30 बजे दरभंगा पहुंचा और अपराह्न 3 बजे मुंबई के लिए रवाना हुआ।
 
दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने निजी उड़ान के लिए दरभंगा हवाईअड्डा का निर्माण कराया था। इसके रनवे पर केवल महाराज के विमान ही उड़ा करते थे। इसके लिए द्वितीय विश्ववयुद्ध (1939-45) के बाद उन्होंने दरभंगा एविएशन कंपनी बनाई थी। दरभंगा महाराज की इस कंपनी ने सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए 3 डगलस डीसी3 विमान खरीदे थे। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय दरभंगा एविएशन को बंद कर दिया गया और हवाईअड्डे का सेना ने अधिग्रहण कर लिया।
 
लगभग 54 साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हवाई चप्पल से हवाई जहाज’ के विजन ने मिथिलांचल दरभंग शहर से सस्ती विमान सेवा की शुरुआत हुई है। इस विमान सेवा से उत्तर बिहार के 22 जिले के लोगों को हवाई सेवा उपलब्ध हो सकेगी।
 
उल्लेखनीय है कि 2.3 एकड़ मे विस्तृत दरभंगा हवाईअड्डा के रनवे की लंबाई 2590 मीटर है, जो ए-321 प्रकार के विमानों के उड़ाने के उपयुक्त है। दरभंगा में हवाई सेवा शुरू होने से मिथिला, कोसी और सीमांचल में रहने वाले लोगों को काफी फायदा होगा। इस क्षेत्र के लोग काफी संख्या में बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में रहते हैं। इस बार दीपावली और छठ में इस क्षेत्र के जो लोग घर आएंगे, उन्हें पटना हवाईअड्डे आने की जरूरत नहीं होगी।
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