तिरंगा थामे युवा बने पुलिस की ढाल, हिंसक भीड़ से बचाया
अहमदाबाद/बेंगलुरु। संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध प्रदर्शन के बीच एक खबर ऐसी आई जिसके बारे में जानकर सभी को सुखद आश्चर्य हुआ। दअरसल, अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके में तिरंगा हाथ थामे हुए कुछ लोग पुलिस की ढाल बन गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को पत्थरबाजों से बचाया।
एएनआई ने एक वायरल वीडियो शेयर किया है, जिसे गुरुवार का बताया जा रहा है। यह वीडियो अहमदाबाद के शाह आलम इलाके का है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि किस तरह कुछ पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने घेर लिया और उन पर पथराव शुरू कर दिया। इसी बीच, एक चमत्कार हुआ और हिंसक प्रदर्शन के बीच तिरंगा हाथ में थामे कुछ युवा वहां पहुंचे और पुलिसकर्मियों की ढाल बन गए।
पथराव की इस घटना में एसीपी समेत 19 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक पुलिसकर्मी को उपद्रवियों ने घेरकर बुरी तरह पीटा। यह पुलिसकर्मी लड़खड़ाकर गिर पड़ा था। भीड़ उस पर टूट पड़ी। इसी बीच, इन तिरंगाधारियों ने पुलिसकर्मी की जान बचाई।
यहां राष्ट्रगान ने हिंसा रोकी : इसी तरह प्रदर्शनकारियों के साथ बेंगलुरु सेंट्रल के डीसीपी चेतनसिंह राठौर ने राष्ट्रगान गाया। चेतनसिंह ने लोगों से कहा कि भीड़ में कुछ उपद्रवी तत्व भी मौजूद रहते हैं। आप और हम कुछ नहीं करते हैं, वो हिंसा फैलाते हैं लेकिन पिटते हम और आप दोनों हैं।
राष्ट्रगान के बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक स्थान खाली कर चले गए। इस तरह राठौर बिना ताकत के इस्तेमाल किए लोगों को शांतिपूर्वक हटने को मजबूर कर दिया। ये दोनों ही घटनाएं निश्चित ही उन सब लोगों को सोचने को मजबूर करेंगी जो इस विरोध प्रदर्शन के पक्ष में खड़े हैं, साथ उनको भी जो विरोध का समर्थन नहीं करते।