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Last Updated : गुरुवार, 12 दिसंबर 2024 (11:11 IST)

देवभूमि में बनेगी आयुर्वेद का परचम लहराने की रणनीति

देवभूमि में बनेगी आयुर्वेद का परचम लहराने की रणनीति - A strategy will be made to hoist the flag of Ayurveda in Devbhoomi
  • वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस 2024 में 3 दिन तक चलेगी इंटरनेशनल असेंबली
  • केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कई देशों में स्थापित की है आयुष चेयर
  • विषय विशेषज्ञ करेंगे दुनिया में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार पर विमर्श
देहरादून। दुनिया में आयुर्वेद का परचम लहराने की रणनीति उत्तराखंड की धरती पर बनेगी। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 में 3 दिन इंटरनेशनल असेंबली का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया के विभिन्न देशों में केंद्रीय आयुष मंत्रालय के स्तर पर स्थापित आयुष चेयर के प्रतिनिधि इस असेंबली में उपस्थित रह कर विचार विमर्श करेंगे। मकसद ये ही है कि दुनिया के तमाम देशों में आयुर्वेद के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए रणनीति तैयार की जा सके।
 
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 में जो कार्यक्रम फाइनल हुआ है, उसमे इंटरनेशनल असेंबली 3 दिन कराए जाने का निर्णय लिया गया है। 12 से लेकर 14 दिसंबर तक हर दिन असेंबली का कार्यक्रम रखा गया है। प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, पुर्तगाल सिंगापुर जैसे देशों में स्थापित आयुष चेयर के डेलीगेट्स असेंबली का हिस्सा होंगे, जिनकी संख्या 40 से 50 के करीब रहेगी।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह दुनिया में आयुष के प्रचार के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनकर कार्य किया है, उससे आयुष के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। उत्तराखंड भी इस अभियान में कदमताल कर रहा है। अब वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस जैसे विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का उत्तराखंड को महत्वपूर्ण अवसर मिला है।
 
पहला हिमालयी राज्य, जहां हो रहा आयोजन
 
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के दसवें संस्करण की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के नाम एक उपलब्धि दर्ज हुई है। यह पहला हिमालयी राज्य है, जहां पर आयुर्वेद का विश्व स्तरीय यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2022 से यह आयोजन शुरू हुआ है।
 
कोच्चि (केरल) को इसके पहले संस्करण की मेजबानी का अवसर मिला था। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में इसके आयोजन हुए हैं। उत्तर भारत क्षेत्र की बात करें तो सिर्फ दिल्ली में अभी तक यह आयोजन हुआ है। वर्ष 2014 में परेड ग्राउंड में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उत्तराखंड इस हिसाब से दिल्ली के बाद उत्तर भारत का दूसरा राज्य बन रहा है, जहां पर यह आयोजन किया जा रहा है।
 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि वह आयुर्वेद के इस विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की धरती हमेशा से समृद्ध रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने आयुष को दुनियाभर में प्रचारित प्रसारित करने का बीड़ा उठाया है। इस आयोजन से निश्चित तौर पर हम इस दिशा में और आगे बढ़ेंगे।
 
Edited by: Ravindra Gupta