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Written By एन. पांडेय
Last Updated : गुरुवार, 27 अक्टूबर 2022 (23:36 IST)

Kedarnath and Yamunotri: भाड़े से 211 करोड़ का कारोबार, यात्रा की रौनक इस साल रही उत्साहवर्धक

Kedarnath and Yamunotri: भाड़े से 211 करोड़ का कारोबार, यात्रा की रौनक इस साल रही उत्साहवर्धक - 211 crore business from Kedarnath and Yamunotri Yatra
देहरादून। बाबा केदार के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इसके अलावा यमुनोत्री के कपाट भी गुरुवार को विधि-विधान से बंद कर दिए गए। इस वर्ष चारधाम यात्रा ने तमाम रिकॉर्ड तोड़कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ घोड़े-खच्चरों, हेली टिकट और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आसपास का कारोबार हुआ है।
 
चार धामों में से मात्र बद्रीनाथ के ही कपाट आगामी 19 नवंबर तक खुले रहेंगे। गंगोत्री के कपाट 1 दिन पूर्व बुधवार को अन्नकूट के पर्व पर बंद हुए। कोरोना काल के बाद चारधाम यात्रा की रौनक इस साल उत्साहवर्धक रही। तमाम अव्यवस्थाओं के बावजूद 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चारधाम की यात्रा की। पिछले 2 दशक में यह तीर्थयात्रियों का सबसे अधिक आंकड़ा है, वहीं श्री केदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहां 15 लाख 36 हजार तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए।
 
चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की लाइफलाइन है। केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसायियों के लिहाज से भी इस वर्ष मुफीद रही। सिर्फ यात्रा के टिकट, घोड़ा-खच्चरों और हेली और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आसपास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम में इस बार घोड़े-खच्चर व्यवसायियों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है।
 
यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4,302 घोड़ा मालिकों के 8,664 घोड़े-खच्चर पंजीकृत किए थे। इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े-खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की, वहीं डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया।
 
इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ। 
इस साल यमुनोत्री में घोड़े-खच्चर वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार हुआ है। यमुनोत्री धाम में लगभग 2,900 घोड़े-खच्चर पंजीकृत हैं और जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आंकड़ा भी रिकॉर्डतोड़ है।
 
चारधाम यात्रा से इस बार GMVN की अनुमानित आय भी 50 करोड़ के करीब हुई बताई जा रही है। इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल/ होम स्टे, लॉज और धर्मशालाएं भी पिछले 6 माह तक बुक रहीं।
 
पिछले सालों तक GMVN जहां आर्थिक नुकसान झेल रहा था, वहीं इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आयकर दे चुका है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से 3 गुना अधिक का कारोबार किया है।
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