जयपुर में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे 4 सफाईकर्मियों की मौत, गहलोत ने साधा सरकार पर निशाना
4 cleaners died : जयपुर में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे 4 श्रमिकों (4 cleaners) की संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव से मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस का कहना है कि यह घटना सांगानेर सदर थानाक्षेत्र में सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के ज्वेलरी जोन में सोमवार रात हुई। ये सफाईकर्मी आभूषण बनाने वाली एक कंपनी के सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे थे ताकि उसकी गाद से सोने-चांदी के अवशेष (कण) निकाले जा सकें। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
इस घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने जयपुर के जिला कलेक्टर तथा पुलिस कमिश्नर को मामले की प्रभावी जांच, कार्रवाई और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए नोटिस जारी किया है। आयोग ने कंपनी के मालिक और सीईओ को भी नोटिस जारी किया है। सांगानेर सदर के पुलिस निरीक्षक अनिल जैमिनी ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे 8 सफाईकर्मी संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव में आकर अचेत हो गए जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों ने 4 को मृत घोषित कर दिया जबकि 4 अन्य मजदूरों की हालत ठीक है।
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पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल तथा अर्पित के रूप में हुई है। ये सभी उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे। अस्वस्थ 4 युवकों- अजय चौहान, राजपाल, अमित और सूरज को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। अधिकारियों ने बताया कि आभूषण निर्माण कार्य के दौरान रसायनयुक्त जो पानी सेप्टिक टैंक में जाता है, उसमें ठोस कचरे के साथ सोने-चांदी के कण मिले होते हैं। उनका कहना है कि यह पानी गाद के रूप में टैंक में जमा होता है जिसे निकाला जाता है और उसमें से सोने-चांदी के कणों को अलग किया जाता है। आभूषण बनाने वाली कंपनियों में यह आम प्रक्रिया है और इसी के दौरान यह हादसा हो गया।
पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि भीषण गर्मी और जहरीली गैस होने की आशंका में मजदूरों ने पहले टैंक में उतरने से मना कर दिया था। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने कथित तौर पर उन्हें ज्यादा पैसे का लालच देकर मना लिया। पुलिस के मुताबिक टैंक 10 फुट गहरा है। अमित और रोहित सबसे पहले टैंक में उतरे। कुछ ही देर में उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई तो वे मदद के लिए चिल्लाने लगे। बाकी 6 लोग एक के बाद एक टैंक में उतरे और पहले 2 को बाहर निकालने में मदद की लेकिन वे भी बेहोश हो गए।
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राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच का आदेश दिया : राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने जयपुर कलेक्टर और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले की उचित जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी.आर. मूलचंदानी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किए। आदेश में कहा गया कि मामले की गंभीरता के मद्देनजर उसका संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर और जयपुर पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया जाता है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे मामले की प्रभावी जांच करें, दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपें और मृतक के आश्रितों/परिवार के सदस्यों को आवश्यक मुआवजा राशि प्रदान करना सुनिश्चित करें।
उसमें कहा गया है कि साथ ही आयोग अचल ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अरुण कुमार कोठारी और सीईओ विकास मेहता को नोटिस जारी कर अपेक्षा करता है कि वे अपने स्तर पर श्रमिकों के आश्रितों/परिवार के सदस्यों को मुआवजा राशि प्रदान करें और अपनी अनुपालन रिपोर्ट एवं अपना जवाब आयोग को अविलंब भेजें।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि पिछले 10 दिनों में ही डीग, बीकानेर और अब जयपुर में सेप्टिक टैंक एवं नालों की सफाई करते हुए 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार का सफाई कर्मचारियों की ओर ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य सरकार मशीनें खरीदने की घोषणा कर चुकी है, पर अभी तक वह घोषणा कागजों में है। उन्होंने पूछा आखिर सरकार की नींद कब टूटेगी?(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta