महाकुंभ से जाते समय नागा साधु क्यों पहन लेते हैं लंगोट? जानें दिलचस्प कारण
Naga Sadhu In Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नागा साधुओं का अनूठा रूप देखकर हम सभी आकर्षित होते हैं। वे अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं। इस दौरान वे निर्वस्त्र ही रहते हैं और साथ में शस्त्र रखते हैं। लेकिन जब वे महाकुंभ से विदा लेते हैं तो वे एक कपडा पहन लेते हैं। ये कपड़ा लंगोट कहलाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है।
नागा साधु कौन होते हैं?
नागा साधु वे संन्यासी होते हैं जो वैरागी जीवन जीते हैं। वे भौतिक सुखों का त्याग कर देते हैं और धर्म और आध्यात्म में लीन रहते हैं। नागा साधुओं का मुख्य लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना होता है। त्याग उनके जीवन का आधार होता है और मोह से उनका कोई नाता नहीं होता।
नागा साधु क्यों रहते हैं निर्वस्त्र?
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सांसारिक मोह का त्याग: नागा साधु सभी प्रकार के सांसारिक मोहों को त्याग देते हैं। वे मानते हैं कि वस्त्र भी एक प्रकार का मोह है।
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तपस्या: नागा साधु कठोर तपस्या करते हैं। वे मानते हैं कि निर्वस्त्र रहने से वे अपनी तपस्या को और गहरा बना सकते हैं।
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प्रकृति के करीब: नागा साधु प्रकृति के करीब रहना पसंद करते हैं। वे मानते हैं कि निर्वस्त्र रहने से वे प्रकृति के साथ एकाकार हो जाते हैं।
महाकुंभ से लौटते समय लंगोट क्यों?
महाकुंभ के दौरान नागा साधु आध्यात्मिक दुनिया में रहते हैं। लेकिन जब वे महाकुंभ से विदा लेते हैं तो उन्हें सांसारिक दुनिया में वापस आना होता है। लंगोट पहनकर वे सांसारिक जीवन में प्रवेश करने के लिए तैयार होते हैं। समाज में निर्वस्त्र घूमना स्वीकार्य नहीं है। इसलिए नागा साधुओं को सामाजिक नियमों का पालन करते हुए लंगोट पहनते हैं।
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