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  4. Which 10 important tasks are very important to do on Vijayadashami Dussehra?
Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (18:48 IST)

विजयादशमी दशहरे पर कौनसे 10 महत्वपूर्ण कार्य करना बहुत जरूरी

दशहरा 2025
दशहरा, जिसे विजयादशमी के पावन नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की विजय का जीवंत प्रतीक है। यह वही ऐतिहासिक दिन है जब भगवान श्री राम ने अहंकारी रावण का संहार कर धर्म की स्थापना की थी। इस दिन कुछ विशेष धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता लाती हैं, जिससे जीवन की हर बाधा दूर होती है और नई ऊर्जा का संचार होता है।
 
1. पूजा और सफाई: दशहरे के दिन सुबह सबसे पहले अपने घर की सफाई करें। इसके बाद, भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और देवी दुर्गा की पूजा करें। इस दिन शस्त्रों, वाहनों और घर के औजारों की भी पूजा की जाती है।
 
2. दीपक जलाना: दशहरे के दिन पीपल, शमी और बरगद के पेड़ के नीचे और घर के मंदिर में दीये जलाना शुभ माना जाता है। इस दिन घर को दीयों से रोशन करने की भी परंपरा है।
 
3. धार्मिक कार्य: इस पावन दिन पर धार्मिक कार्य जैसे दुर्गा सप्तशती का पाठ, चंडी पाठ या हवन करना बहुत फलदायी माना जाता है।
 
4. नए वस्त्र और तिलक: दशहरे पर नए वस्त्र और आभूषण धारण किए जाते हैं। रावण दहन देखने जाते समय माथे पर तिलक लगाने की भी परंपरा है।
 
5. बुराई का त्याग: यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है। इसलिए, इस दिन अपने अंदर की किसी एक बुराई को छोड़ने का संकल्प लें।
 
6. दशहरी देने की परंपरा: इस दिन बच्चों को 'दशहरी' देने का प्रचलन है, जिसमें उन्हें उपहार के तौर पर रुपये, कपड़े या मिठाई दी जाती है।
 
7. गिले-शिकवे दूर करें: दशहरा रिश्तों को फिर से जोड़ने का भी अवसर देता है। इस दिन पुराने गिले-शिकवे भूलकर अपनों से गले मिलकर फिर से संबंध मजबूत करें।
 
8. पकवान बनाना: दशहरे के दिन पारंपरिक पकवान बनाने का प्रचलन है, जैसे गिल्की के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े)। इसके अलावा दहीवड़ा, लड्डू, हलवा पुरी और खीर भी बनाते हैं।
 
9. शमी के पत्तों का आदान-प्रदान: रावण दहन से लौटते समय शमी के पत्ते लेकर उन्हें लोगों को देकर दशहरे की बधाई दें। शमी के पत्तों को सोने (स्वर्ण) का प्रतीक माना जाता है।
 
10. दशहरा मिलन: रावण दहन के बाद एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर और बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा है। यह दिन खुशी और प्रेम बांटने का दिन है।