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Last Modified: बुधवार, 27 नवंबर 2019 (15:14 IST)

सभापति नायडू ने बोलने से रोका, कांग्रेस के हरिप्रसाद ने किया वाकआउट

Rajya Sabha | सभापति नायडू ने बोलने से रोका, कांग्रेस के हरिप्रसाद ने किया वाकआउट
नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करने पर बोलने से सभापति एम वेंकैया नायडू ने जब रोका तो वह नाराजगी जताते हुए सदन से वाकआउट कर गए। हरिप्रसाद ने शून्यकाल के दौरान कर्नाटक में बाढ़ और इसके कारण हुए नुकसान का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि भीषण सूखे से बेहाल राज्य के उत्तरी हिस्से आई में अभूतपूर्व बाढ़ ने कई बरसों का रिकॉर्ड तोड़ा और भीषण तबाही मचाई। बाढ़ से 91 लोगों की जान चली गई और करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। हरिप्रसाद ने कहा कि हर मुद्दे पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर कर्नाटक में बाढ़ पर कुछ भी नहीं कहा। इस पर सभापति नायडू ने उन्हें तत्काल टोका और कहा कि उनकी टिप्पणी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगी।

नायडू ने कहा कि शून्यकाल राजनीतिक टिप्पणियां करने के लिए नहीं, बल्कि लोक महत्व से जुड़े मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए होता है। आप केवल अपनी बात रखें। हरिप्रसाद के विरोध जताने पर उन्होंने कहा, मैं आपके लिए माइक शुरू नहीं कर रहा हूं।

इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए हरिप्रसाद ने कहा कि उन्हें बोलने से गलत तरीके से रोका जा रहा है। फिर वे सदन से वाकआउट कर गए। उनके विरोध पर सभापति ने कहा, मुझे खेद है, आप आसन पर आक्षेप लगा रहे हैं। नायडू ने यह भी कहा कि आसन की अवहेलना करने पर सदस्यों को बोलने का मौका नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा, इसे रिकॉर्ड पर रखा जाए कि आसन की अवहेलना करने वाला कोई भी हो, उसे अवसर नहीं मिलेगा। इससे पहले, बैठक शुरू होने पर नायडू ने भाजपा के विजय गोयल को भी आसन की अनुमति लिए बिना बोलने पर आगाह किया था। गोयल ने सदन में कल मंगलवार को कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर आपत्ति जताई थी। सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके तत्काल बाद गोयल ने बोलना शुरू किया।

सभापति ने उन्हें कहा कि उन्होंने गोयल को बोलने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा, कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा। नायडू ने आगाह करते हुए कहा कि वे गोयल का नाम लेकर चेतावनी देंगे। गोयल के साथ-साथ भाजपा कुछ सदस्य भी मंगलवार को कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर आपत्ति जता रहे थे।

नायडू के नाराजगी जताने पर भाजपा सदस्य बैठ गए। सभापति ने कहा कि सदस्य चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के हों, उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए उन्हें आसन की अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा, आसन की अनुमति लिए बिना आप नहीं बोलेंगे। ऐसा न करने पर, मैं पहले सलाह दूंगा और फिर नाम लूंगा। अगर सभापति किसी सदस्य का नाम लेकर उसे चेतावनी देते हैं तो वह सदस्य उस पूरे दिन सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकता।

शून्यकाल में ही कांग्रेस के जीसी चंद्रशेखर ने भी कर्नाटक की बाढ़ का मुद्दा उठाया और कहा कि इस प्राकृतिक आपदा की वजह से 38000 करोड़ रुपए के नुकसान का राज्य सरकार ने अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य को समुचित आर्थिक मदद दी जानी चाहिए ताकि लोगों को तबाही से उबारा जा सके।
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