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Written By WD Sports Desk
Last Modified: रविवार, 28 जुलाई 2024 (12:03 IST)

तालिबान के कारण अफगानिस्तान छोड़ने वाली खिलाड़ी पेरिस में ब्रेक-डांसिंग में परचम लहराने को तैयार

तालिबान के कारण अफगानिस्तान छोड़ने वाली खिलाड़ी पेरिस में ब्रेक-डांसिंग में परचम लहराने को तैयार - The player who left Afghanistan due to Taliban is ready to wave the flag in break-dancing in Paris
ओलंपिक मानवीय जज्बे की जीत के बारे में है और तीन साल पहले तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़ने वाली ब्रेक-डांसर मनिझा तलाश इस भावना का प्रतीक हैं। वह पेरिस में ब्रेक-डांसिंग स्पर्धा में अपनी कलात्मकता और रचनात्मकता का प्रदर्शन करेंगी।
 
इक्कीस साल की तलाश 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद किसी तरह पाकिस्तान पहुंची और फिर इसके एक साल बाद शरणार्थी के रूप में स्पेन में बस गयी।
 
अपने और अपने परिवार पर आए अस्तित्व के संकट के बावजूद तलाश ने ब्रेक-डांसिंग को नहीं छोड़ा। उन्होंने इस कला को काबुल में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से देखा और तब से वह इसे पसंद करने लगी।
 
उन्होंने हालांकि सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस शौक को उन्होंने अपनाया है वह सबसे बड़े खेल महासमर में भाग लेने का उनके लिए एक रास्ता बनायेगा।
 
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पेरिस खेलों के लिए अपने शरणार्थी दल में शामिल करके तलाश का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया।
 
वह अब भी उन दिनों को अच्छी तरह याद करती है जब वह काबुल के एक ब्रेक-डांसिंग क्लब में लड़कों के साथ प्रशिक्षण लेती थी।
 
यह डांसिंग क्लब हालांकि जल्द ही बमबारी का शिकार बन गया क्योंकि तालिबान के आने के बाद महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों को खत्म कर दिया। यहां तक कि उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने की भी अनुमति नहीं है।
 
मूल रूप से मध्य अफगानिस्तान के वारदक प्रांत में रहने वाली तलाश ने ‘PTI-(भाषा)’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मैं अपने सपने में जी रही हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा सफर इतना खूबसूरत होगा।’’
 
ओलंपिक ब्रेक डांसिंग में दो पदक दांव पर होंगे। बी-बॉयज (पुरुष) और बी-गर्ल्स (महिला) वर्ग में एक-एक पदक के लिए मुकाबले होंगे।
 
तलाश की कहानी जज्बे से भरी हुई है लेकिन वह खुद को किसी के लिए रोल मॉडल (आदर्श) के तौर पर नहीं देखती है उनके लिए अपने दैनिक जीवन में कई परेशानियों का सामना कर रहीं अफगानिस्तान की सभी महिलाएं रोल मॉडल है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान के सत्ता में आने बाद मैंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अफगानिस्तान छोड़ दिया। सभी शरणार्थियों के लिए दूसरे देश में जाना बहुत कठिन था और मेरे लिए भी यही स्थिति थी।’’
 
तलाश सिर्फ दारी या स्पैनिश भाषा में संवाद कर सकती है और उन्होंने इस अनुवादित साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं आभारी हूं कि मैं यहां हूं लेकिन मैं खुद को उनके लिए आदर्श नहीं मानती। जो लड़कियां अफगानिस्तान में हैं वे मेरे लिए आदर्श हैं।’’
 
ओलंपिक में अपने लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर तलाश ने कहा, ‘‘ मेरे लिए पदक या प्रतियोगिता जीतना बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। मैं अफगानिस्तान में लोगों को बस यह साबित करना चाहता हूं कि ब्रेक-डांसिंग केवल डांस नहीं है बल्कि यह एक खेल है। मैं अब लोगों को इसे पेशेवर रूप से करते हुए देखती हूं। यह कला और संस्कृति भी है।’’


 
 तलाश ने पूर्णकालिक ब्रेक-डांसिंग शुरू करने से पहले मैड्रिड में एक ब्यूटी सैलून में काम किया।
 
पेरिस खेलों में 10 करोड़ से अधिक विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली शरणार्थी टीम में 36 खिलाड़ी शामिल हैं।
 
तलाश को इस बात की भी खुशी है कि उसका परिवार उसके साथ स्पेन चला गया है। यह यूरोपीय देश अब उनका दूसरा घर है।
 
तलाश ने कहा कि वह भारत से अच्छे से परिचित है क्योंकि उनकी मां भारतीय फिल्मों की बड़ी प्रशंसक है।
 
तलाश ने कहा, ‘‘मैं भारत के बारे में जानती हूं क्योंकि मेरी मां को भारतीय फिल्में बहुत पसंद हैं। वह घर पर बहुत सारे बॉलीवुड फिल्में देखती हैं। मैं इसे ज्यादा नहीं देखती लेकिन वह इसकी प्रशंसक है।
 
ब्रेक-डांसिंग के लिए सर्वोच्च फिटनेस की आवश्यकता होती है और वह पिछले छह महीनों से इसी पर काम कर रही है।
 
तलाश ने कहा, ‘‘ जब मैं मैड्रिड में थी, तो मैं सप्ताह में छह दिन प्रशिक्षण लेती थी। यहां मैं प्रतिदिन प्रशिक्षण लेती हूं। मैं दिन में दो घंटे जिम करती हूं और तीन घंटे अभ्यास करती हूं। जब से मुझे शरणार्थी टीम में शामिल किया गया है, मुझे लगता है कि मैंने बहुत प्रगति की है।’’तलाश पेरिस में पदक जीते या नहीं लेकिन उसके लिए एक चीज तय है वह इस शहर को किसी विजेता के तौर पर छोड़ेगी।(भाषा)