Manu Bhaker reached the Olympic final for the first time : आत्मविश्वास से भरी मनु भाकर ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए शनिवार को यहां ओलंपिक खेलों में भारत के अन्य निशानेबाजों की खराब शुरुआत को पीछे छोड़कर 10 मीटर महिला एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया। इसका फाइनल रविवार को खेला जाएगा।
बाइस साल की भाकर ने क्वालीफिकेशन में 580 का स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया, जिसमें हंगरी की निशानेबाज वेरोनिका मेजर 582 के स्कोर के साथ शीर्ष पर रहीं। इस स्पर्धा में चुनौती पेश कर रहीं रिदम सांगवान 573 के स्कोर के साथ 15वें स्थान पर रहीं।
भाकर अपने शानदार प्रदर्शन से तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक की निराशा को पीछे छोड़ने में सफल रहीं। टोक्यो में पिस्टल में खराबी के कारण उनका अभियान आगे नहीं बढ़ पाया था, जिससे वह भावुक हो गई थीं। हरियाणा की यह निशानेबाज शुरुआती दो सीरीज में 97-97 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर थीं। इस दौरान रिदम 26वें स्थान पर खिसक गईं।
भाकर तीसरी सीरीज में 98 के स्कोर के साथ शीर्ष दो में पहुंच गईं। उन्होंने पांचवीं सीरीज में एक आठ अंक का निशाना लगाया लेकिन वह इसके बाद सटीक निशाने से वापसी करने में सफल रहीं और तीसरे स्थान पर रहीं। इससे पहले एयर राइफल में मिश्रित टीमों की ओलंपिक खेलों में निराशाजनक शुरुआत के बाद सरबजोत सिंह और अर्जुन सिंह चीमा पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में जगह नहीं बना सके।
सरबजोत क्वालिफिकेशन में 577 के कुल स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे जबकि अर्जुन 574 के स्कोर के साथ 18वें स्थान पर रहे। आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले जर्मनी के रॉबिन वाल्टर का स्कोर भी 577 था लेकिन उन्होंने सरबजोत के 16 के मुकाबले 17 सटीक निशाने लगाए थे।
सरबजोत चौथी सीरीज में परफेक्ट 100 का स्कोर करने के बाद शीर्ष तीन में पहुंच गए थे, लेकिन 22 साल का यह निशानेबाज लय बरकरार रखने में नाकाम रहा और बेहद मामूली अंतर से फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। चीमा भी एक समय चौथे स्थान पर पहुंच गए थे लेकिन वह भी इस लय को बरकरार नहीं रख सके।
चीमा और सरबजोत दोनों उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्वर्ण पदक जीता था। इससे पहले भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन चरण में बाहर हो गए।
भारत की दो जोड़ियां इस स्पर्धा में भाग ले रही थीं। रमिता जिंदल और अर्जुन बबूता 628.7 के कुल स्कोर के साथ छठे, जबकि इलावेनिल वलारिवन और संदीप सिंह 626.3 के कुल स्कोर के साथ 12वें स्थान पर रहे। रमिता और अर्जुन की जोड़ी ने एक समय उम्मीद बनाई थी। यह भारतीय जोड़ी तीन शॉट शेष रहते पांचवें स्थान पर थी, लेकिन आखिर में पदक राउंड के कट ऑफ से 1.0 अंक पीछे रह गई। अर्जुन ने दूसरी सीरीज में शानदार शुरुआत की और 10.5, 10.6, 10.5, 10.9 का स्कोर बनाया।
रमिता ने दूसरी सीरीज में 10.2, 10.7, 10.3, 10.1 का स्कोर बनाया। इससे यह जोड़ी शीर्षक आठ में तो पहुंच गई लेकिन पदक राउंड में जगह बनाने के लिए यह स्कोर पर्याप्त नहीं था। पदक राउंड में पहुंचने के लिए शीर्ष चार में जगह बनाना जरूरी था। चीन, कोरिया और कजाकिस्तान की टीम क्वालीफिकेशन दौर में पहले तीन स्थानों पर रही। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour