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  4. What is the significance of bathing in Pushkar Sarovar in Rajasthan on Kartik Purnima
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 5 नवंबर 2025 (12:55 IST)

Kartik Purnima Snan in Pushkar: कार्तिक पूर्णिमा पर राजस्थान के पुष्‍कर सरोवर में स्नान का क्या है महत्व?

Kartik Purnima
Importance of Pushkar Sarovar: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो विशेष रूप से धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व रखता है। इसे दीपमालिका, देव दीपावली और गंगा स्नान के साथ मनाया जाता है। इस दिन का महत्व और विशेष रूप से राजस्थान के पुष्कर सरोवर में स्नान करना हर हिंदू श्रद्धालु के लिए अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। पुष्कर का सरोवर भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर स्नान करने के लिए पहुंचते हैं।ALSO READ: kartik purnima kab hai: कार्तिक पूर्णिमा कब है?
 
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और पुष्कर मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजस्थान के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन ब्रह्मा जी के मंदिर में पूजा करने, दान करने और विशेष रूप से पुष्कर सरोवर में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, मोक्ष, और धार्मिक शांति प्राप्त होती है। इसके कई धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पहलू हैं। आइए यहां जानते हैं...ALSO READ: Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और पौराणिक कथा
 
पुस्कर सरोवार में स्नान का पौराणिक महत्व
 
1. ब्रह्मा जी से जुड़ा हुआ स्थान: पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा जी ने यज्ञ के लिए स्थान खोजा, तो पुष्कर में उनके हाथ से कमल गिरा। जहां कमल गिरा, वहीं पुष्कर सरोवर का निर्माण हुआ। यह स्थान एकमात्र ब्रह्मा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि ब्रह्मा जी के बहुत कम मंदिर हैं।
 
2. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान फल: शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पुष्कर सरोवर में स्नान करने से मनुष्य को सभी तीर्थों में स्नान का फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ब्रह्मा जी स्वयं सरोवर में उपस्थित होकर भक्तों के पापों का नाश करते हैं।
 
धार्मिक मान्यताएं: इस दिन पुष्कर मेले का समापन होता है। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर स्नान, दान, और पूजा करते हैं। स्नान के बाद ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है। यह दिन देव-दीवाली के रूप में भी मनाया जाता है, यानी इस दिन देवता लोग भी गंगा-स्नान करते हैं।ALSO READ: Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले दीपदान या स्नान-दान की संपूर्ण विधि
 
आध्यात्मिक महत्व: यह भी माना जाता है कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने से मन और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं। यह दिन ध्यान, दान और उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। जो व्यक्ति इस दिन दान करता है, उसे अनंत गुना फल प्राप्त होता है।
 
सांस्कृतिक पक्ष: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजस्थान की एक प्रमुख सांस्कृतिक पहचान, जो कि पुष्कर पशु मेला के रूप में प्रसिद्ध है, उसका समापन भी इस दिन होता है। यहां लोकगीत, नृत्य, ऊंटों की दौड़ और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी होती है, जिससे यह धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का संगम बन जाता है।
 
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