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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (15:06 IST)

नर्मदा जयंती कब है, जानिए माता की पूजा का शुभ मुहूर्त और नदी का महत्व

नर्मदा जयंती कब है, जानिए माता की पूजा का शुभ मुहूर्त और नदी का महत्व - narmada jayanti kab hai 2025
Narmada Jayanti 2025: प्रतिवर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयन्ती मनायी जाती है। मध्य प्रदेश के अमरकण्टक नामक स्थान से नर्मदा नदी का उद्गम होता है और गुजरात के खम्बात की खाड़ी में समुद्र में इसका विलय हो जाता है। करीब 1300 किलोमीटर की यात्रा में नर्मदा नहीं पहाड़, जंगल और कई प्राचीन तीर्थों से होकर गुजरती है। नर्मदा को भारत की सबसे प्राचीन नदियों में से एक माना जाता है। वेद, पुराण, महाभारत और रामायण सभी ग्रंथों में इसका जिक्र है। इसका एक नाम रेवा भी है।ALSO READ: गंगा से भी ज्यादा पवित्र क्यों हैं नर्मदा नदी?
 
सप्तमी तिथि प्रारम्भ- 04 फरवरी 2025 को सुबह 04:37 बजे से।
सप्तमी तिथि समाप्त- 05 फरवरी 2025 को मध्यरात्रि 02:30 बजे।
 
पूजा का शुभ मुहूर्त: 
प्रातः सन्ध्या मुहूर्त: सुबह 05:49 से 07:08 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:57 तक।
अमृत काल: दोपहर 03:03 से 04:34 बजे के बीच। 
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07:08 से रात्रि 09:49 बजे तक। 
 
नर्मदा नदी का महत्व:-
1. 'गंगा कनखले पुण्या, कुरुक्षेत्रे सरस्वती, 
ग्रामे वा यदि वारण्ये, पुण्या सर्वत्र नर्मदा।'
- आशय यह कि गंगा कनखल में और सरस्वती कुरुक्षेत्र में पवित्र है किन्तु गांव हो या वन नर्मदा हर जगह पुण्य प्रदायिका महासरिता है।
 
2. मत्स्यपुराण में नर्मदा की महिमा इस तरह वर्णित है- यमुना का जल एक सप्ताह में, सरस्वती का तीन दिन में, गंगाजल उसी दिन और नर्मदा का जल उसी क्षण पवित्र कर देता है।' ALSO READ: नर्मदा तट पर बसे धार्मिक नगरों और स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग न हो - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
 
3. पुराणों के अनुसार नर्मदाजी वैराग्य की अधिष्ठात्री मूर्तिमान स्वरूप है। गंगाजी ज्ञान की, यमुनाजी भक्ति की, ब्रह्मपुत्रा तेज की, गोदावरी ऐश्वर्य की, कृष्णा कामना की और सरस्वतीजी विवेक के प्रतिष्ठान के लिए संसार में आई हैं।
 
4. एक अन्य प्राचीन ग्रन्थ में सप्त सरिताओं का गुणगान इस तरह है। कलकल निनादनी नदी है...हां, नदी मात्र नहीं, वह मां भी है। अद्वितीया, पुण्यतोया, शिव की आनंदविधायिनी, सार्थकनाम्ना स्रोतस्विनी नर्मदा का उजला आंचल इन दिनों मैला हो गया है, जो कि चिंता का विषय है।