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Mahananda Navami 2021 : कब है महानंदा नवमी, महत्व, पूजन विधि और मंत्र जानिए

Mahananda Navami 2021 : कब है महानंदा नवमी, महत्व, पूजन विधि और मंत्र जानिए - About Mahananda Navami 2021
mahananda navami 2021
 
इस वर्ष 12 दिसंबर 2021, रविवार को महानंदा नवमी Mahananda Navami व्रत किया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी कहते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

अगर जीवन में परेशानियां निरंतर बढ़ रही हैं और सुख-समृद्धि तथा धन हानि हो रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को इस दिन व्रत करने से जीवन में सभी सुखों की तथा शुभ फल की प्रा‍प्ति होती हैं। मान्यतानुसार महानंदा नवमी व्रत करनेवालों को परिवार में सुख-समृद्धि और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार नवमी के दिन कुंवारी कन्या का पूजन करके उससे आशीर्वाद लेना विशेष शुभ माना गया है। अत: नवमी तिथि को कन्या भोज तथा उनके चरण अवश्‍य छूने चाहिए। 
 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी आती है। जो इस बार रविवार को है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किसी अज्ञात कारणों की वजह से अगर जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा, धन की कमी होने लगी हो तो यह व्रत बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए नवमी के दिन महानंदा व्रत किया जाता है।

जहां महानंदा नवमी व्रत पर श्री की देवी लक्ष्मी जी का पूजन करने तथा उनके मंत्रों का जाप करने से गरीबी दूर होती है तथा की विधि-विधान से पूजा करने से दुख-दारिद्रय दूर होता और जीवन में संपन्नता बढ़ने लगती है। इस दिन असहाय लोगों को दान करने से सुख-समृद्धि तथा विष्णु लोक मिलता है। 
 
यहां जानें महानंदा नवमी पर क्या करें, पूजन मंत्र एवं विधि- 
 
महानंदा नवमी पर क्या करें- Mahananda navami par kya karen 
 
- महानंदा नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में घर का कूड़ा-कचरा इकट्‍ठा करके सुपड़ी (सूपे) में रखकर घर के बाहर करना चाहिए। इसे अलक्ष्मी का विसर्जन कहा जाता है। 
 
- तत्पश्चात हाथ-पैर धोकर दरवाजे पर खड़े होकर श्री महालक्ष्मी का आवाह्‍न करना चाहिए।
 
- स्वच्छ धुले और सफेद वस्त्र धारण करके एक आसन बिछाकर स्थान ग्रहण करना चाहिए। 
 
- उसके बाद एक पटिये पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। 
 
- मां लक्ष्मी को कुमकुम, अक्षत, गुलाल, अबीर, हल्दी, मेंहदी चढ़ाएं तथा उनका पूजन करें।
 
- इस दिन पूजन स्थान के बीचोबीच गाय के घी का एक बड़ा अखंड दीया जलाना चाहिए तथा धूप बत्ती प्रज्ज्वलित करना चाहिए। 
 
- लक्ष्मी मंत्र- 'ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:' का जप ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
 
- मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई, पंचामृत, पंचमेवा, ऋतु फल, मखाने, बताशे आदि को भोग लगा कर रात्रि जागरण करना चाहिए। 
 
- रात्रि में श्र‍ी विष्णु-मां लक्ष्मी का पूजन करने के पश्‍चात व्रत का पारण करना चाहिए।
 
इस दिन खासकर 'श्री' यानी महालक्ष्मी देवी की विधिवत पूजा कर व्रत-उपवास रखकर कुंवारी कन्याओं को भोजन कराना चाहिए तथा मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करके हवन करने से दारिद्रय दूर होकर धन लक्ष्मी का आगमन होता है तथा जीवन सुख-संपन्नता से भर जाता है।
 
लक्ष्मी मंत्र- Mahananda Navami Mantra

- 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।' 
- 'ॐ ऐं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।'
- 'ॐ ऐं क्लीं सौ:।'
- 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:।'

Laxmi jee Worship
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